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तंदूर कांड के दरिंदे को तुरंत रिहा करने के आदेश—जानें क्या था दिल दहला देने वाला तंदूर कांड

नई दिल्ली,
दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 जुलाई 1995 को पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले नैना साहनी तंदूरकांड के दोषी सुशील शर्मा को बड़ी राहत दी है। अदालत ने बहुचर्चित तंदूर कांड के दोषी सुशील शर्मा को फौरन रिहा करने का आदेश दिया है। इससे पहले साल 2000 में ट्रायल कोर्ट ने सुशील शर्मा को इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे उम्र कैद में तब्दील कर दिया था।

आपको बता दें कि यह दिलदहला देने वाली वारदात दिल्ली के गोल मार्केट स्थित सरकारी फ्लैट नंबर 8/2A की है, जहां सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी की हत्या कर तंदूर में शव को जला दिया था। शर्मा दिल्ली युवा कांग्रेस का पूर्व अध्यक्ष है।

56 वर्षीय सुशील शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में लगाई अपनी याचिका में दावा किया था कि वो 23 साल से जेल में है और अगर माफी की अवधि भी इसमें जोड़ दें, तो साढ़े 29 साल से वो जेल में बंद है। इसी आधार पर उसने रिहाई की मांग की थी। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा था कि 29 साल की कैद के बाद भी अभी तक सुशील शर्मा को रिहा क्यों नहीं किया गया?

इस मामले में सुशील शर्मा की अर्जी Sentence Review Board और दिल्ली सरकार ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी थी। इस फैसले का असर अब बाकी मामलों पर भी पड़ेगा, जिसमें कैदियों ने अपनी सजा तो पूरी कर ली है, लेकिन उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है।

ऐसे हुआ था तंदूर कांड का खुलासा
जब सुशील शर्मा अपनी पत्नी के शव को तंदूर में डालकर भून रहा था, तभी मक्खन की वजह से तंदूर से उठती आग की लपटें और धुआं रेस्तरां के बाहर दिखने लगा। इस बीच सब्जी बेचने वाली एक महिला अनारो की नजर इस आग और धुएं पर पड़ी। पहले तो अनारो ने सोचा कि शायद रेस्तरां में आग लग गई है और वो शोर मचाने लगी। इसको सुनकर आसपास गश्त कर रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही अब्दुल नजीर अनारो के पास आए। इसके बाद आग की लपटों और धुएं को देखकर रेस्तरां की तरफ भागा। जब सिपाही नजीर वहां पहुंचा, तो उसके होश उड़ गए।

अवैध संबंध के शक होने पर की थी हत्या
सुशील शर्मा ने अपनी पत्नी नैना साहनी का कत्ल अवैध संबंध के शक होने पर किया था। दिल दहला देने वाली इस वारदात की जानकारी मिलने के बाद तत्कालीन दिल्ली यूथ कांग्रेस के नेता मतलूब करीम सामने आए और पहली बार यह खुलासा किया कि तंदूर में जिस महिला को भूना गया, उसका नाम नैना साहनी था। वह सुशील शर्मा की पत्नी थी। वहीं, वारदात को अंजाम देने के बाद सुशील शर्मा लापता हो गया था। हालांकि बाद में पुलिस ने सुशील शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था।

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