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पाकिस्तान को टमाटर बेचने से किसानों का इंकार—जय जवान जय किसान का नारा गूंजा

ग्वालियर,
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद जहां एक ओर पूरा देश गुस्से में है तो वहीं मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के किसानों ने जय जवान जय किसान का नारा बुलंद करते हुए पाकिस्तान को कारारा जवाब दिया है। जिले के किसानों ने पाकिस्तान को अपना टमाटर भेजने से इंनकार कर दिया है। पुलवामा हमले के बाद वे सरकार की सख्ती के साथ खड़े हैं और पाकिस्तान को टमाटर बेचने से पूरी तरह से मना कर दिया है, हांलाकि इससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन बावजूद इसके वे देश के लिये यह नुकसान उठाने को तैयार हैं।

दरअसल, झाबुआ जिले के पेटलावद में भारी मात्रा में एक्सपोर्ट क्वालिटी के टमाटर की खेती की जाती है, जिसकी पाकिस्तान में काफी मांग है। पेटलावद के किसानों की पूरी आमदनी भी टमाटर की खेती पर ही निर्भर करती है, लेकिन अब किसानों ने अपने मुनाफे के बजाय देशहित को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान को पेटलावद के टमाटर बेचने से मना कर दिया है। झाबुआ जिले के ही रामनगर गांव के लालसिंह चौधरी अपनी 25 बीघा जमीन पर टमाटर की खेती करते हैं, लालसिंह को स्थानीय बाजार में अपनी टमाटर की फसल का प्रति किलो 10 रूपये का भाव मिलता है, लेकिन पाकिस्तान को टमाटर बेचने पर उन्हें प्रति किलो की 40 रूपये तक कीमत मिलती है। लेकिन पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद उन्होंने पाकिस्तान को टमाटर बेचने से इनकार कर दिया है।

पेटलावद ब्लॉक के गांव रामनगर में लालसिंह ही अकेले ऐसे किसान नहीं हैं जो टमाटर की खेती करते हैं। इलाके में बड़ी संख्या में किसान टमाटर की खेती कर उसे दिल्ली के रास्ते पाकिस्तान भेजते हैं। ये सभी किसान पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जवानों की शहादत से दुखी हैं और उन्होंने अपना टमाटर पाकिस्तान को भेजने से इंनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि अब वह जिस भी एजेंट को अपना टमाटर बेचेंगे, उससे अपील करेंगे कि वह पाकिस्तान को यह टमाटर न बेचे। किसानों का कहना है कि वे नुकसान उठाने को तैयार हैं, लेकिन किसी भी हालत में पाकिस्तान को टमाटर नहीं बेचेंगे।

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