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राफेल डील पर मोदी सरकार को झटका, SC दोबारा सुनवाई को तैयार

नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में रिव्यू पिटिशन पर नए दस्तावेज के आधार पर सुनवाई का फैसला किया है। तीनों जजों ने एक मत से दिए फैसले में कहा कि जो नए दस्तावेज डोमेन में आए हैं, उन आधारों पर मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट अब रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई के लिए नई तारीख तय करेगा।

राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि इससे संबंधित डिफेंस के जो दस्तावेज लीक हुए हैं, उस आधार पर रिव्यू पिटिशन की सुनवाई की जाएगी या नहीं।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लीक दस्तावेजों के आधार पर रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई का विरोध किया था और कहा था कि ये दस्तावेज प्रिविलेज्ड (विशेषाधिकार वाला गोपनीय) दस्तावेज है और इस कारण रिव्यू पिटिशन खारिज किया जाना चाहिए। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस के. एम. जोसेफ ने कहा था कि आरटीआई ऐक्ट 2005 में आया है और ये एक क्रांतिकारी कदम था ऐसे में हम पीछे नहीं जा सकते।

सरकार ने कहा था कि जो दस्तावेज प्रशांत भूषण ने रिव्यू पिटिशन के साथ पेश किए हैं वह प्रिविलेज्ड दस्तावेज है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है ये दस्तावेज गोपनीय है और आरटीआई के अपवाद में है साथ ही एविडेंस एक्ट के तहत गोपनीय दस्तावेज है। इंडियन एविडेंस एक्ट के तहत गोपनीय दस्तावेज पेश नहीं किया जा सकता। जो दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो, दो देशों के संंबंध पर असर डालता हो उन्हें गोपनीय दस्तावेज माना गया है। अनुच्छेद-19 (2) के तहत अभिव्यक्ति के अधिकार पर वाजिब रोक की बात है। जहां देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला होगा वह रोक के दायरे में आएगा। आरटीआई के तहत भी देश की संप्रभुता से जुड़े मामले को अपवाद माना गया है। सरकारी गोपनीयता कानून की धारा-3 और 5 में भी रोक है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk