हिसार,
हिसार और आसपास के क्षेत्रों में लिवर और पाचन रोगों के उच्च प्रसार के मद्देनजर, नई दिल्ली स्थित बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने शुक्रवार को लिवर रोगों और हेपेटोलॉजी के लिए अपनी विशेष ओपीडी सेवाएं हिसार के ओपी जिंदल मेडिकल इंस्टीट्यूट में शुरू की। अब यहां बीएलके अस्पताल की विशेषज्ञ टीम हिसार में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी, हिपैटोलॉजी, लिवर और अग्नाशय के रोगों पर विशेष ध्यान देने के साथ नियमित ओपीडी आयोजित करेगी। जिंदल अस्पताल ने लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल दिल्ली के साथ करार किया है। इसके तहत शुक्रवार को पहली ओपीडी के दौरान बड़ी संख्या में लोग परामर्श और स्क्रीनिंग से लाभान्वित हुए। लोगों को विभिन्न बीमारियों, उन्नत प्रक्रियाओं, उपचारों और प्रत्यारोपण सुविधाओं के बारे में जागरूक किया गया। डॉक्टरों ने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे जीवन शैली में कुछ बुनियादी बदलाव इन बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
हिसार में ओपीडी सेवा के शुभारंभ पर, डॉ. संजय सिंह नेगी, वरिष्ठ सलाहकार और निदेशक, एचपीबी सर्जरी और लीवर प्रत्यारोपण, इंस्टीट्यूट फॉर डायजेस्टिव एंड लिवर डिसीज ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारी सुस्त जीवन शैली मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, फैटी लिवर और एल्कोहलिक और नॉन एल्कोहलिक लिवर रोग सहित कई समस्याओं को पैदा कर रही है, जो निश्चित रूप से चिंताजनक बात है। हिसार के जिंदल अस्पताल में होने वाली ओपीडी लिवर संबंधी बीमारियों जैसे क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी, क्रॉनिक हेपेटाइटिस सी, एल्कोहलिक लिवर डिसीज, ऑटोइम्यून और मेटाबॉलिक लिवर डिसीज, बाइलरी आट्र्रेसिया और पीडियाट्रिक एज ग्रुप में मेटाबॉलिक डिसीज की स्क्रीनिंग प्रदान करेगी। मरीजों को हेपेटो-पैनक्रिएटो-बायलरी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर की स्क्रीनिंग और विशेषज्ञ मूल्यांकन से भी काफी लाभ होगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में लिवर और गैस्ट्रो की बीमारी बढ़ रही है। आईसीएमआर स्टेट लेवल डिसीज़ बर्डन के अनुसार, सिरोसिस और पाचन संबंधी बीमारियां मौत के प्रमुख कारणों में से हैं और 2016 में, 15-39 वर्ष के आयु वर्ग के बीच, इनकी ज़ोर लगभग 6 प्रतिशत था और 40-69 वर्षों के आयु वर्ग में 15 प्रतिशत से ज्यादा ऐसे मामले देखे गए हैं। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) में, लिवर और गैस्ट्रिक रोगों की व्यापकता और मृत्यु दर में वृद्धि हुई थी। उन्होंने बताया कि बीएलके अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण 200 से अधिक आप्रेशन हो चुके हैं। उन्होंने लोगों में फैली भ्रांति दूर करते हुए कहा कि लीवर डोनेट करने वाला व्यक्ति अपना पूरा जीवन सामान्य रूप से व्यतीत कर सकता है। लिवर दान करने से उसके जीवन पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि इस नए ओपीडी के शुभारंभ के साथ, लिवर और गैस्ट्रो जैसी विशिष्टताओं में उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा देखभाल से हिसार के लोगों को बहुत आवश्यक उन्नत स्वास्थ्य सहायता प्राप्त होने की उम्मीद है।
बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बीएलके इंस्टीट्यूट फॉर डाइजेस्टिव एंड लिवर डिसीज के निदेशक-गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी और हेपाटोलॉजी डॉ. मानव वाधवा ने लॉन्च के दौरान कहा कि गैर संचारी रोग (एनसीडी) जैसे कि लिवर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संबंधी विकार भारत में और हरियाणा में मौतों के प्रमुख कारण हैं। आधुनिक जीवनशैली और अनियमित खान-पान के कारण भी इसमें वृद्धि देखी जा रही है। इसीलिए, हम स्थानीय लोगों को विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करने के लिए अपनी सबसे उन्नत सुविधा यहां शुरू कर रहे हैं।
ओ.पी. जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर एंड कार्डियक रिसर्च सेंटर के चिकित्सा निदेशक डॉ. शेखर सिन्हा ने इस मौके पर कहा कि जिंदल अस्पताल पिछले कई दशकों से हिसार और आसपास के क्षेत्र में लोगों को हर प्रकार की बीमारी का विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध करवा रहा है। अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में समय के साथ-साथ इजाफा किया जा रहा है। इसी कड़ी में लिवर ट्रांसप्लांट और लिवर के अन्य रोगों के लिए बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ साझेदारी करके उन्हें बेहद खुशी हो रही है। अब उनकी टीम नियमित रूप से जिंदल अस्पताल का दौरा करेगी और यहां मरीजों को विशेष परामर्श और स्क्रीनिंग सुविधाएं प्रदान करेगी। विशेष परामर्श की उपलब्धता, उन्नत एंडोस्कोपिक प्रक्रियाएं और डॉक्टरों की विशेषज्ञ टीम द्वारा जांच स्थानीय रोगियों के लिए वरदान के रूप में सामने आई हैं।
इस अवसर पर जिंदल अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डा. माधुरी मेहता, गेस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट डा. सुनील गोयल व डा. विवेक बंसल भी उपस्थित थे।