‘गुरु गोबिंद वा प्रगट्यो पुरख भगवंत सूरा’, रागी जत्थों ने किया गुरु की महिमा का गुणगान, गतका टीम ने दिखाए जौहर
हिसार
प्रबंधक कमेटी गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा द्वारा स्थानीय नागोरी गेट स्थित गुरुद्वारा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी खालसा पंथ के सृजनहार प्रथम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का प्रकाश गुरुपर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ 2 जनवरी को मनाया जाएगा। गुरुद्वारा के प्रशासक एन.के. गोयल ने बताया कि प्रकाश गुरु पर्व को लेकर गुरु घर से जुड़ी साध-संगतों में खुशी व उत्साह है। उत्साहित संगतों द्वारा नगर-कीर्तन का आयोजन किया गया। नगर कीर्तन में पंजाब से आई गतका टीम ने अपनी कला के जौहर दिखाए।
दरबार साहिब अमृतसर से पहुंची सुसज्जित पालकी साहिब में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को विराजमान किया गया। पंच प्यारों की अगुवाई में भव्य नगर कीर्तन शहर के विभिन्न बाजारों राजगुरु मार्केट, तेलियान पुल, भगत सिंह चौक के अलावा मुख्य बाजारों में सुंदर शब्द कीर्तन ‘वाहे गुरु-वाहे गुरु तेरा सब सदका’,‘सत नाम-सत नाम वाहे गुरु, वाहे गुरु’, ‘गुरु गोबिंद वा प्रगट्यो पुरख भगवंत सूरा’, ‘सतगुरु की सेवा सफल है जेको करे चेतन’, ‘नानक सतगुरु तिनको मिलिया’ आदि शब्दों से साध-संगतों को निहाल किया। पूरे नगर में ‘बोले सो निहाल, सत्-श्री-अकाल’ के जयकारों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। स्थानीय रागी जत्थों ने गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के इतिहास के बारे में संगतों को अवगत करवाते हुए कहा कि 1699 में गुरु जी ने जातीय भेदभाव समाप्त करते हुए समानता स्थापित करते हुए पंच प्यारों की सृजना करते हुए कहा कि जहां भी यह पंच प्यारे होंगे मैं वहां विराजमान रहूंगा।
गुरुघर से जुड़ी बीबियों ने पालकी साहिब के आगे-आगे साफ-सफाई की पानी की बौछार की। वहीं नगर कीर्तन का शहरवासियों ने भव्य स्वागत किया व तथा संगतों ने विभिन्न प्रकार का प्रसाद वितरित किया व खाद्य पदार्थों का प्रसाद बांटा। इसके अलावा गुरु नानक स्कूल के बच्चों ने अपनी प्रस्तुति दी। नगर कीर्तन सायं गुरुद्वारा साहिब पहुंचा जहां बधाई शब्द गाए गए। इसके अलावा सरबत की भलाई के लिए अरदास की गई व गुरु का अटूट लंगर बरताया गया। इस मौके पर पूर्व की प्रबंधक कमेटियों के सभी पदाधिकारी व सदस्यगण मौजूद रहे। प्रशासक एन.के. गोयल ने बताया कि 2 जनवरी को प्रात: 10 बजे श्री अखण्ठ पाठ साहिब का विधिवत भोग होगा व इसके उपरांत रागी जत्थे उपस्थित संगतों को शब्द कीर्तन व गुरुबाणी से निहाल करेंगे। इस मौके पर गुरुघर से जुड़े सेवादारों को गुरुघर का सिरोपा भेंट किया जाएगा।