हिसार

महज 30 रुपए में ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को मिल रही है सरकार की ये सुविधाएं

हिसार,
दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को अपने पेंशन व विवाह पंजीकरण संबंधी फार्म भरने अथवा आयुष्मान भारत योजना का रजिस्ट्रेशन करवाने जैसे कामों के लिए जिला मुख्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। इसके अलावा लोगों को जलसा, जुलूस करने या डीजे बजाने की अनुमति लेने के लिए एसडीएम कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इन जैसी 356 सेवाएं जिला के लोगों को 280 अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से उनके गांव में ही मिल रही हैं। जिला के 12600 से अधिक लोग प्रतिदिन इन अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से उपमंडल व जिला मुख्यालयों पर आए बिना ही प्राप्त कर रहे हैं।
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जनता तक सभी सरकारी सेवाएं घर बैठे निर्धारित समयावधि में पहुंचाने के लिए अटल सेवा केंद्रों की स्थापना करवाई है। इन केंद्रों के माध्यम से व्यापार से संबंधित 203 सेवाएं बीटूसी (बिजनेस टू सिटीजन) तथा 153 सेवाएं जीटूसी (गवर्नमेंट टू सिटीजन) श्रेणी के तहत प्रदान की जा रही हैं। बीटूसी सेवाएं डिजिटल सेवा डॉट सीएससी डॉट जीओवी डॉट इन तथा जीटूसी सेवाएं ई दिशा डॉट जीओवी डॉट इन की पोर्टल पर उपलब्ध करवाई गई हैं। अटल सेवा केंद्रों के अलावा ये सेवाएं इन पोर्टल के माध्यम से घर बैठे भी इंटरनेट के माध्यम से प्राप्त की जा सकती हैं।

जिला में चल रहे 280 केंद्र
उन्होंने बताया कि जिला के प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्तर पर कम से कम एक अटल सेवा केंद्र कार्य कर रहा है जिनका संचालन वीएलई (वीलेज लेवल एंटरप्रन्योर) कर रहे हैं। फिलहाल जिला में चल रहे 280 अटल सेवा केंद्रों के अलावा 27 नए सेवा केंद्र जल्द खुलवाए जाएंगे जिनकी प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर सभी सेवाएं राइट टू सर्विस अधिनियम के तहत निर्धारित समयावधि में उपलब्ध करवाई जा रही हैं। जिला में कार्यरत प्रत्येक केंद्र के माध्यम से प्रतिदिन औसतन 50 नागरिकों को सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

प्रति सेवा 30 रुपये फीस
उपायुक्त ने बताया कि अटल सेवा केंद्रों पर सेवा प्राप्त करने के बदले आमजन को प्रति सेवा अधिकतम 30 रुपये की अदायगी करनी होती है। इसके अलावा किसी सेवा के लिए निर्धारित सरकारी फीस तथा आवेदन के लिए अपेक्षित स्कैनिंग अथवा प्रिंटिंग जैसे कार्यों के लिए 5 रुपये प्रति पेज की दर से वसूली की जा सकती है। प्रत्येक सेवा के बदले ली जाने वाली फीस की रसीद भी वीएलई द्वारा नागरिक को दी जानी अनिवार्य की गई है। अधिकतर गांवों में अटल सेवा केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे ग्राम सचिवालयों में ग्रामीणों को अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

अटल सेवा केंद्रों पर मिल रहीं मुख्य सेवाएं
उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनोरंजन, बैंकिग, वित्तीय सेवाओं के अलावा पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसी प्रकार यहां से मोबाईल व डीटीएच रिचार्ज करवाने, फोन, बिजली व पानी के बिल इत्यादि के बिलों का भुगतान भी किया जा सकता है। इन केंद्रों से मनी ट्रांसफर, डाटा रिचार्ज, एलआईसी की किश्त भरने, नौकरी के लिए ऑनलाइन आवेदन, छात्रवृत्ति फार्म भरने, फोटो कॉपी करवाना, टे्रन व बस की ऑनलाइन टिकर बुक करवाने व पैंशन जैसी सैकड़ों सेवाएं अटल सेवा केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध हैं। यहां से आय, जाति व रिहायशी प्रमाण पत्र जैसी सुविधाओं का लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र तक पारदर्शी सेवाएं पहुंचाना मकसद
उपायुक्त अशोक कुमार मीणा ने बताया कि आज के तकनीकी युग में इंटरनेट हर व्यक्ति के जीवन में अहम भूमिका निभा रहा है। अटल सेवा केंद्रों में भी इंटरनेट की मदद से सभी तरह के सरकारी सेवाओं व योजनाओं का लाभ मिल रहा है। अटल सेवा केंद्रों का मुख्य उद्देश्य यही है कि यहां पारदर्शी तरीके से ग्रामीण, गरीब व जरूरतमंद लोगों की आसानी से मदद कर सके। केंद्र व राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अटल सेवा केंद्रों को हर जिले, गांव और मौहल्ले में स्थापित किया जाए ताकि सरकार की सभी योजनाओं को सहजता से आम आदमी तक पहुंचाया जा सके। इन केंद्रों के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ई-दिशा के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं का लाभ अपने घर-द्वार पर ही प्राप्त कर सकता है। ऐसा करने से उसके धन व समय दोनों की बचत होती है।

युवाओं के पास वीएलई बनने का भी अवसर
उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र में अटल सेवा केंद्र स्थापित करके जनसेवा व रोजगार प्राप्त करने के इच्छुक युवा एनआईसी के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं। इन सभी ऑनलाइन सेवाओं के पीछे तकनीकी सहयोग एनआईसी कार्यालय ही उपलब्ध करवाता है।

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