हिसार

ओवरलोड डम्फरों व अन्य भारी वाहनों के आवागमन से सैक्टर 33 की सड़कें हुई जर्जर

डम्फर चालकों की रफ्फ ड्राइविंग व तेज गति से किसी भी समय हो सकता है हादसा, संज्ञान में लाने के बावजूद हुडा अधिकारियों ने नहीं की कोई कार्यवाही

हिसार
ओवरलोड डम्फरों व अन्य भारी वाहनों के आवागमन से सेक्टर 33 की सड़कें जर्जर हो गई हैं और डम्फर चालकों की रफ्फ ड्राइविंग व तेज गति से किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। हालात को लेकर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(हुडा) के अधिकारियों भी अवगत करवाया जा चुका है, लेकिन अधिकारी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
सेक्टर 33 रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राजपाल नैन व सचिव रोहताश कुमार ने बताया कि सेक्टर के पार्कों में मिट्टी भराई का काम चल रहा है। इस काम में काफी वाहन लगे हुए हैं और इनमें से ज्यादातर वाहन खास कर डम्फर ओवर लोड होते हैं। ओवर लोड होने के कारण काफी मात्रा में मिट्टी सड़क पर बिखर जाती है और तेज गति के भारी वाहन गुजरने पर यह मिट्टी घरों में पहुंच जाती है। उन्होंने बताया कि सेक्टर में भारी वाहन सड़कों के मोड़ पर तेज गति से दौड़ाए जा रहे हैं जिस कारण हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। उन्होंने बताया कि तेज गति से चलने वाले ऐसे वाहनों के पीछे नम्बर प्लेट तक भी नहीं लगी हुई है।
एसोसिएशन पदाधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार अनाज मंडी व दिल्ली व सिरसा की ओर से आने वाले भारी व ओवर लोड वाहन जिनको सिवानी, राजगढ या राजस्थान की ओर जाना होता है वो बगला रोड बाईपास से गुजरने की बजाय सेक्टर 14 व सेक्टर 33 के बीच से गुजर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेक्टर 14 पार्ट 2 की अभी तक कोई रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन नहीं बनी है जिस कारण वहां के हालात और भी बदतर बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि ओवर लोड वाहनों पर कार्यवाही होनी चाहिए तथा सेक्टर के बीच से गुजरने वाले भारी वाहनों को बाईपास से निकालने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इसके लिए जिला प्रशासन व हुडा विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करनी चाहिए।
एसोसिएशन प्रधान राजपाल नैन ने बताया कि सेक्टरों में और भी कई समस्याएं हैं जिनमें सबसे प्रमुख पानी की समस्या है। गर्मियों के मौसम में सेक्टर में पीने के पानी की सप्लाई की समस्या उत्पन्न हो जाती है। सेक्टर 33 व 14 पार्ट 2 बनने से पहले अकेले सेक्टर 14 में ही कुछ हिस्सों में गर्मी के मौसम में पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ता था। यही हालात सेक्टर 33 व 14 पार्ट 2 में भी बने हुए हैं। उन्होंने बताया कि सेक्टर 33, 14 पार्ट 2 व सेक्टर 14 की कुछ कॉमन समस्याएं हैं जिसके समाधान के लिए सेक्टर 14 की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन व वार्ड के पार्षदों से बात करके इसी सप्ताह एक संयुक्त बैठक का आयोजन कर इन समस्याओं को लेकर आपसी सहमति से प्रशासन से मिलकर इनका समाधान कराया जाएगा।
एसोसिएशन प्रधान राजपाल नैन ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि सेक्टर में करवाए गए कार्यो में अगर बजट का पचास प्रतिशत हिस्सा भी लगा होता तो आज सड़कों, सीवर लाईन, फुटपाथ आदि की हालात इतनी खराब नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि सेक्टर में कराए गए तमाम कार्यों में तत्कालीन विभागीय अधिकारियों की नाक के नीचे जनता के पैसों की जमकर लूटखसोट की गई है। सेक्टर में दो-तीन कम्पनियों की एलईडी की कुछ स्ट्रीट लाइटें लगी हुई हैं, जिनके खराब होने पर तीन साल तक उनकी मरम्मत व बदलने की जिम्मेदारी उसी कम्पनी की होती है परंतु सेक्टर में कुछ लाईटें तो ऐसी हैं जो लगने के बाद एक बार भी नहीं जल पाई हैं। इसको लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को शिकायत की गई, लेकिन अभी तक इन स्ट्रीट लाइटों को ठीक नहीं करवाया गया है। इसी प्रकार सेक्टर में कुछ मकानों के पास तो सीवरेज लाईन ही गायब मिली है जिसको प्लाट पर मकान बनाने वाले मकान मालिक की शिकायत के बाद ही डाला गया है, परंतु संबंधित अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को विभाग की ओर से एनओसी जारी कर दी गई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अनेक अनियमितताएं पाए जाना पूरे सिस्टम पर ही संदेह के सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को खराब करने वाले ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।

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