हिसार

बिना किसी सूचना के डिएक्टीवेट सीएससी आईडी को खुलवाने की मांग

सीएससी प्रबंधकों द्वारा आधारहीन खबरें छपवाने से सीएससी संचालकों में रोष

मांगों को लेकर जिला उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन, सीएससी प्रबंधकों की गलत बयानी से लोग कर रहे संचालकों से अभद्र व्यवहार

हिसार,
गांव न्योली खुर्द के सीएससी संचालक वीएलई कुलविन्द्र सिंह की आईडी बिना किसी सूचना के डिएक्टीवेट करने, समाचार-पत्रों में आधारहीन खबरें छपवाने व अन्य मांगों को लेकर सीएससी संचालकों (वीएलई) के एक प्रतिनिधिमण्डल ने उपायुक्त से भेंट की तथा उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। संचालकों ने सीएससी प्रबंधकों राकेश नेहरा व संदीप सिवाच पर अखबारों के माध्यम से गलत खबरें प्रकाशित करने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। संचालकों के अनुसार इस समय मुख्य मुद्दा हरियाणा सरकार की मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का है। सीएससी संचालकों को एक व्यक्ति के आवेदन के लिए सबसे पहले उसकी फैमिली आईडी बनानी पड़ती है, उसके बाद उसका इस योजना के लिए उसका आवेदन भरा जाता है। इस सारी प्रक्रिया में घर के सभी सदस्यों के नाम, उनके आधार नम्बर, उनके माता-पिता का नाम, उनका बैंक विवरण तक की जानकारी भरी जाती है। यदि किसी घर में चार सदस्य हैं तथा सभी की आयु 18 वर्ष से ऊपर है तो सभी का विवरण इसमें दर्ज होगा, उसके बाद स्व घोषणा पत्र के रूप में निकले प्रिंट का स्कैन करके दोबारा अपलोड किया जाता है। इस योजना के लिए सभी वीएलई ने एकत्रित होकर सौ रुपये का मूल्य निर्धारित किया था, क्योंकि इस प्रक्रिया में लगभग एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है।
दिनांक 20 फरवरी को मुख्य समाचार पत्रों में सीएससी प्रबंधकों द्वारा कुलविन्दर के बारे में मनगढ़त आरोप लगाए गए कि गांव न्योली कलां में कुलविन्द्र द्वारा संचालित सीएससी पर लोगों से प्रति फार्म 400-500 रुपये लिए जा रहे हैं। उनका कहना था कि इस बारे में ग्राम पंचायत से भी शिकायतें मिली हैं, जबकि 23 फरवरी को ग्राम पंचायत न्योली कलां द्वारा कुलविन्द्र को दिए गए प्रमाण-पत्र में कहा गया है कि कुलविन्द्र की आज तक कोई भी ऐसी शिकायत नहीं आई है। सभी सीएससी संचालकों ने एक सुर में कुलविन्द्र की ब्लॉक आईडी को तुरंत खोलने तथा इस मामले में पूरी जांच कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है ताकि भविष्य में किसी भी वीएलई के साथ ऐसा न हो सके।
वीएलई का कहना है कि सरकार की किसी भी योजना को पूरा करने के लिए वे दिन-रात अथक मेहनत कर टारगेट पूरे करते हैं, लेकिन प्रबंधकों के मनमाने व अव्यवहारिक रवैये के कारण उन्हें नीचा देखने को मजबूर होना पड़ता है। ग्राम सचिवालयों में बैठे कई वीएलईज को अभी तक उनकी पेमेंट नहीं मिली है, इसके अलावा सीएससी लगभग दो साल से लम्बित कास्ट सर्वे की पेमेंट भी अब तक वीएलई को नहीं दे पाई है। सीएससी संचालकों ने कहा कि जब तक इन मांगों पर कोई हल नहीं हो जाता तब तक वीएलई काम करने में असमर्थ हैं। इस अवसर युवा वैल्फेयर सीएससी सोसायटी के प्रधान श्रवण कुमार, सचिव विपिन सोनी, नरेन्द्र शर्मा, विष्णु कुमार, नवनीत कुमार, अनूप जांगड़ा, अमित कुमार, नवीन जांगड़ा, अशोक कुमार, सुरेश कुमार, मनीष, मनमोहन सिंह, रमेश कुमार, अनिल कुमार, संदीप कुमार, अरुण कुमार सहित अनेक सीएससी संचालक उपस्थित रहे।

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