हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र में अनुसूचित जाति व जनजाति युवाओं के लिए फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण पर एक सप्ताह का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आज संपन्न हुआ। अधिष्ठाता, कृषि इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय व नियंत्रक अधिकारी, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र के डॉ. आरके झोरड़ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थें। उन्होने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वें उद्यमी के रूप में फल और सब्जी प्रसंस्करण कार्य को अपना व्यवसाय बना सकते है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में उत्पादित फल और सब्जियों का लगभग 25-30 प्रतिशत फल बर्बाद हो जाता है जिसका कारण फसल की उचित हैंडलिंग, भंडारण, परिवहन और प्रसंस्करण सुविधाओं की कमी हैं। हम इन नुकसानों को बचा सकते हैं और इन मूल्यवान वस्तुओं के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन द्वारा अधिक लाभ कमा सकते हैं।
खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र और पाठ्यक्रम निदेशक के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. राकेश गहलोत ने कहा कि यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम 18 से 25 वर्ष की आयु के 10 + 2 पास एससी युवाओं के लिए विशेष रूप से था। 26 फरवरी से 04 मार्च, 2020 तक निर्धारित पाठ्यक्रम में पच्चीस उम्मीदवारों ने भाग लिया। पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. रेखा और डॉ. रितु ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में, मूल्य वर्धित फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण और संरक्षण पर व्यावहारिक प्रदर्शन किए गए थे जैसे रेडी-टू-सर्व ड्रिंक, अमृत, स्क्वैश, क्रश, सिरप, जैम, जेली, मुरब्बा, पनीर, टॉफी, सॉस, केचप, चटनी, अचार, मुरब्बा, कैंडी, आदि।