हिसार।
हरियाणा सरकार द्वारा परिवहन विभाग में किलोमीटर स्कीम घोटाले के दोषी बस संचालकों की ब्लैक लिस्ट हो चुकी 510 बसों को बिना रिटेंडर के अवैध रूप से ठेके पर लेने तथा इन बसों के अनुभवहीन व नौसिखिया चालकों से 500 से 600 किलोमीटर की दूरी के लंबे मार्ग पर बसें चलवाने के जनविरोधी फैसले को लेकर रोडवेज कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
यह बात ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के प्रांतीय मुख्य सलाहकार रमेश सैनी व संगठन सचिव अरूण शर्मा ने एक संयुक्त बयान में कही। उन्होंने कहा कि सरकार के इस तानाशाही फैसले के खिलाफ रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी के आह्वान पर रोडवेज कर्मचारी 15 मार्च को करनाल में मुख्यमंत्री के कैंप कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम को लेकर करवाई गई विजिलेंस जांच में एक बड़ा घोटाला सामने आया था, जिसमें नेता, उच्चाधिकारी व उनके खास चहेते ट्रांसपोर्टर का गठजोड़ शामिल था।
कर्मचारी नेताओं रमेश सैनी व अरूण शर्मा ने कहा कि घोटाला साबित हो जाने के बाद सरकार ने भ्रष्टाचार के इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच फजीहत से बचने के लिए किलोमीटर स्कीम को रद्द कर दिया था। उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर सरकार भ्रष्टाचारियों के दबाव में दोषी ट्रांसपोर्टरों की ब्लैक लिस्ट हो चुकी 510 बसें बिना रिटेंडर के अवैध रूप से ठेके पर ले रही है। उन्होंने कहा कि इन बसों को अप्रशिक्षित व अनुभवहीन चालकों से 500 से 600 किलोमीटर तक की दूरी के लंबे मार्गों पर चलाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं, जो परिवहन भाग को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ जनता की जानमाल के साथ भी बड़ा खिलवाड़ है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि किलोमीटर स्कीम छोटा घोटाला नहीं है। यदि समय रहते इसके सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गई व किलोमीटर स्कीम को रद्द नहीं किया गया तो यह घोटाला भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के पतन का बड़ा कारण साबित होगा।