हिसार,
नशा शरीर एवं मानसिक शक्ति को कमजोर करने के साथ-साथ व्यक्ति को आर्थिक रूप से खोखला कर देता है इसलिए नशा कारोबारियों एवं नशाखोरी के खिलाफ प्रभावी अकुंश लगाना चाहिए।
यह बात अतिरिक्त उपायुक्त एएस मान ने अपने कार्यालय में नशा मुक्ति अभियान बारे आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिला के नशा सप्लाई एवं नशाखोरी करने वालों क्षेत्रों की मैपिंग कर जोरदार ढंग से रेड डालनी चाहिए। नशा सप्लाई करने वालों को किसी भी कीमत पर ना छोडें़ उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही अम्ल में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा प्रभावित सभी क्षेत्रों की पहचान कर इन क्षेत्रों में जागरूकता अभियान के साथ-साथ चैंकिग अभियान भी चलाया जाए। इस अभियान में लगे सभी विभाग आपस में बेहतर तालमेल के साथ-साथ नशा सप्लाई एवं नशा करने वाले क्षेत्रों की पहचान को भी साझां करे। उन्होंने कहा कि हर माह की पहली तारिख को नशा मुक्ति अभियान पर की गई कार्यवाही व अन्य जानकारियों को अपडेट करते रहें और इसी प्रकार जिला के नशा प्रभावित एवं नशा फ्री गांवों की सूची तैयार की जाए।
उन्होंने कहा कि नशा सप्लाई एवं नशा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करें ताकि नशा बेचने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी कीमत पर सजा से ना बच पाये। उन्होंने कहा कि नशा सप्लाई करने वाले व्यक्तियों के विरूद्घ सरकार ने कड़े नियम बनाए हैं जिसके तहत दोषी व्यक्तियों के लिए सजा व जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में नशे को जड़मूल से खत्म करने के लिए अभियान की शुरूआत कर दी है। नशा करने व बेचने वालों के खिलाफ कार्यवाही के लिए सामाजिक स्तर पर भी समाज के प्रबुद्घ व्यक्तियों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशाकारोबारियों एवं नशाखोरी करने वालों की पहचान करवाने के लिए लोगों का सहयोग लिया जाये और उनकी पहचान गुप्त रखी जाये।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग जहां हर नाके एवं सदिंग्ध व्यक्ति की तलासी ले वहीं ड्रग इन्पैस्क्टर जिला में कार्यरत सभी कैमिस्ट शॉप पर छापामारी एवं तलाशी लेने के साथ-साथ कैमिस्टो की बैठक बुलाकर उन्हें नशीली दवाई न बेचने बारे कहा जाए। कैमिस्टो को नशाखोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में भी शामिल होने बारे प्रेरित करें। अतिरिक्त उपायुक्त एएस मान ने कहा कि जिन गांवों में खेल स्टेडियम नहीं है उन गांवों में खेल स्टेडियम की वैकल्पि व्यवस्था की जाये ताकि वहां के युवाओं को ध्यान खेल व अन्य सकारात्मक कार्य में लगे रहें।
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी राधिका सिघंल ने बैठक में उपस्थित सभी को नशाखोरी एवं नशाकारोबारियों पर प्रभावी अकुंश लगाने के तौर तरीके बताये एवं अपने विचार साझां किये। उन्होंने कहा कि यदि किसी स्थान पर नशे से संबंधित टैबलेट के खाली रैपर या प्रयोग की हुई सीरिजं आदि मिलती है तो यह क्षेत्र रैड जान का हो सकता है। हमें ऐसे सभी नशा प्रभावित क्षेत्रों पर पैनी नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला के जिन-जिन अस्पतालों एवं नशा मुक्ति केन्द्रों पर जिन-जिन गांवों एवं क्षेत्रों के नशा प्रभावित व्यक्ति ईलाज के लिए आते हैं। उन गांवो ंएवं क्षेत्रों पर भी विशेष फोकस होना चाहिए। नशा सप्लार्ई करने वाले ऐजेंटो की पहचान के तोर तरीके विकसित करने चाहिए ताकि नशा सप्लाई की चेन को तोड़ा जा सके।
इस अवसर पर एसीयूटी स्वप्रिल पाटिल, उपमंडल अधिकारी परमजीत, सयुंक्त आयुक्त नगर निगम जयबीर यादव, जिला परिषद के मुख्यकारी अधिकारी विकास यादव, डीडीपीओ अश्विर, नेहरू युवा केन्द्र नरेन्द्र यादव, डीआईईओ एमपी कुलश्रेष्ठ, जिला रैड क्रास के प्रशिक्षण अधिकारी सुरेन्द्र श्योराण, जगदीश चन्द्र, रत्तन सिंह, जोगेन्द्र सिंह, दीपक ग्रेवाल सहित अन्य उपस्थित थे।
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