हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के एबिक सेंटर में आयोजित 12 दिवसीय कृषि नवाचार प्रणाली के लिए क्षमता विकास : कृषि अनुसंधान और जलवायु-स्मार्ट कृषि दृष्टिकोण संबंधित ईंडों-यूएस अफगानिस्तान प्रशिक्षण कार्यशाला में आज हकृवि के कृषि वैज्ञानिकों एवं विदेशी वैज्ञानिक मेहमानों के बीच पारस्परिक अनुभव को सांझा किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक, डॉ. एसके सहरावत ने वर्जिनिया टैक्रोलॉजी विश्वविद्यालय के कृषि एवं जैव विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. थॉमस थॉम्पसन के साथ विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। इस अवसर पर डॉ. सहरावत ने वैज्ञानिक-विद्यार्थी एक्सचैंज कार्यक्रम, ड्यूएल डिग्री प्रोग्राम, शार्ट ट्रेनिंग विजिट एवं नववैचारिक अनुसंधान कार्यक्रम के प्रोत्साहन पर जोर दिया। इस प्ररिप्रेक्ष्य में डॉ. थॉमस ने बताया कि वर्जिनिया तकनीकी विश्वविद्यालय विभिन्न विभागों जैसे, कृषि, सस्य विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, कीट विज्ञान, कृषि सूक्ष्मजीव विज्ञान, मृदा विज्ञान के क्षेत्रों में कुशलतापूर्वक से कार्य कर रहा है और हकृवि के साथ अपने अनुभव सांझा करने के लिए उत्सुक है। डॉ. थॉमस ने कार्यशाला के माध्यम से किसानों की उपज एवं आय बढ़ाने के लिए उनके पास उपलब्ध नववैचारिक तकनीकी को भी सांझा करने की बात कहीं।
सस्य विभाग विभागाध्यक्ष, डॉ. एसएस पूनिया ने हरियाणा राज्य में कृषि के संरक्षण के बारे में बताया। उन्होनें गेहूं व चावल की फसल की उत्पादन क्षमता को कैसे बढाया जा सकता है इससे संबंधित राज्य के विभिन्न क्षेत्रों की उत्पादन क्षमता की विस्तृत जानकारी दी और उसें भविष्य में कैसे बढाया जा सकता है इस पर निरंतर काम करने की और सतत प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर सीएएआई के मुख्य प्रभारी नूर सिद्दिक, वर्जिनिया तकनीकी विश्वविद्यालय से डॉ. लांस मथैसन, डॉ. माइकल श्वाइश, जैसिका एग्नूव, हकृवि के अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभागाध्यक्ष, डॉ. एके छाबड़ा एवं वनस्पति एवं पादप कार्यिकी विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू मुंजाल एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके ठकराल व अन्य वैज्ञानिकगण उपस्थित रहें।