हिसार,
अखिल भारतीय किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह नम्बरदार ने कहा है कि आज किसान भारी मुसीबत में फंसे हुए हैं। उन्हें फसलों की कटाई व कढ़ाई के लिए न तो प्रवासी मजदूर मिल रहे हैं और न ही कोई कंबाइन मशीन मिल रही है। फिर भी किसान जैसे तैसे फसल निकाल लेगा तब उसे एमएसपी पर बेचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ेगी। करोना वायरस व लॉकडाउन के कारण किसान सभा ने राज्य सरकार से पहले भी मांग की थी कि पंजाब सरकार की तर्ज पर गांव स्तर पर खरीद केंद्र होने चाहिए जो एमएसपी पर फसलें खरीदें व आने वाली खरीफ फसलों के लिए बीजों, दवाई व खाद का प्रबंध करें ।
सभा के जिला सचिव धर्मबीर कंवारी ने कहा कि हैफेड ने अपने सभी जिला मैनेजरों को सरसों व चना की खरीद के लिए पत्र लिखा है जिसमें साफ-साफ लिखा है कि हर जिले की पूरी सरसों व चना की पैदावार का मात्र 25 प्रतिशत ही खरीद करनी है यानि पूरे राज्य में 308700 एम. टन सरसों व 12750 एम. टन चना ही एमएसपी पर खरीदा जायेगा। शेष फसलें किसानों को मजबूरन आढ़तियों के हाथ ही लुटवानी पड़ेगी। इधर मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस में कहा है कि किसानों का दाना-दाना खरीदा जायेगा। यहां सरकार की कथनी-करनी में फर्क नजर आता है। मीडिया में बयान देना अलग चीज है, सरकार व प्रशासन बयानों से नहीं चलते, लिखित निर्देशों व अधिसूचनाओं से चलते हैं। अभी तक जो लिखित निर्देश हैफेड से आया है जिसमें साफ-साफ लिखा है कि जिले की पूरी सरसों व चना की पैदावार का मात्र 25 प्रतिशत ही खरीद करना है। किसान सभा की फिर से मांग है कि पहले के फसल खराबा का मुआवजा तुरंत दिया जाये व गांव स्तर पर खरीद केंद्र स्थापित किए जाएं। लॉकडाउन के कारण सभी सीएससी बन्द हैं फिर भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मेरी फसल मेरा ब्योरा का पोर्टल खुला है व किसान रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए सरकार ढेर सारी अनावश्यक शर्तें थोप कर किसानों पर जुल्म कर रही है। अखिल भारतीय किसान सभा की जिला कमेटी की मांग है कि किसानों के दुग्ध उत्पादन, सब्जी, फल, मतस्य व पोलट्री की आवाजाही पर पूरी तरह छूट मिलनी चाहिए व पुलिस की इस काम में कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए।