हिसार

नवविचार को कैसे एग्री बिजऩेस में स्थापित करें, स्टार्टअप गुरु ने सुझाए सफल मन्त्र : एबीक

हिसार,
कोविड 19 के कारण हुए लॉकडाउन की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह लगातार ऑनलाइन कार्यशाला व वेबीनार को बढ़ावा दे रहे हैं। ज्ञात रहे कि एबीक के साथ जुडक़र एग्री स्टार्टअप्स अपने बिजऩेस को नए आयाम दे रहें है। उन्होंने छात्रों व किसानों से आह्वान किया कि वे एबीक से जुडक़र कृषि क्षेत्र में अपने नए स्टार्टअप्स शुरू कर सकते हैं ताकि युवा ऊधमी अपनी उधमिता को अपने तक सीमित न रखे बल्कि अपने क्षेत्रों में इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार व प्रसार करें। इस प्रकार के वेबिनार सभी युवाओं औऱ उधमियों के लिए रोजगारोन्मुखी व सफल साबित होते है।
माननीय कुलपति के दिशा-निर्देशानुसार एचएयू में स्थापित एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर लगातार वेबीनार आयोजित करवा रहा है, हाल ही में हुए 2-3 मई के वेबीनार का आयोजन जाने-माने स्टार्टअप गुरु अभिषेक त्रिपाठी और बिजनेस मैनेजर विक्रम सिंधु, फाइनेंस मैनेजर मनीषा मनी, कस्टमर केयर मैनेजर ट्विंकल मंगल ने करवाया। मुख्य वक्ता के रूप में स्टार्टअप गुरु त्रिपाठी ने सबसे पहला मंत्र यह दिया कि बिना विचार के कोई भी बिजनेस स्टार्ट नहीं किया जा सकता और कैसे यह विचार उत्पन्न हो और बिजनेस के रूप में रूपान्तरित हो, इन बिंदुओं पर अहम चर्चा की गई। उन्होंने प्रतिभागियों को यह भी बताया कि कैसे वह अपना बिजनेस प्रपोजल बनाएं और इन्वेस्टर व एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर के सामने प्रस्तुत करते हुए किन-किन बातों का ध्यान रखें। उदाहरण के तौर पर उन्होंने एग्री बिजनेस से संबंधित कई नए विचार प्रतिभागियों से सांझा किए और बिजनेस मैनेजर विक्रम सिंधु ने प्रतिभागियों को बताया कि आज के दौर में एजुकेशन में कंपटीशन बढऩे के कारण नौकरी में भागीदारी पाना बड़ा ही कठिन हो गया है उन्होंने बताया कि एंटरप्रेन्योरशिप क्यों जरूरी है और इस के क्या-क्या फायदे हैं, उन्होंने यह भी बताया कि अगर आज का ताजा उदाहरण देखें तो कैसे कोविड-19 सक्रमंण के चलते शहरों में व्यवसाय की उम्मीद में गए लोग वापस अपने घरों को लौट रहे हैं। यह प्रयोग कृषि क्षेत्र में कुटीर उद्योगों के लिए एक नई क्रांति का अवसर पैदा करता है।
इसी प्रकार आरकेवीवाई रफ्तार के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. आरके झोरड़ ने बताया कि इस तरह के वेबीनार अपना नया व्यवसाय शुरू करने वाले किसान भाई-बहनों व युवा साथियों के लिए बहुत ही उपयोगी है। उन्होने ने बताया कि वेबीनार के साथ-साथ कुछ केस स्टडी या प्रैक्टिकल एक्सरसाइज जोड़ दिए जाएं तो इसका अधिक लाभ पा सकते हैं। इस वेबीनार में एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर की नोडल अधिकारी प्रोफेसर सीमा रानी व इनक्यूबेशन की पूरी टीम के साथ-साथ लगभग 200 किसानों, युवा साथियों व विद्यार्थियों ने भाग लिया। डॉ. सीमा रानी ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह के मार्गदर्शन में एग्रीबिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर आगे भी ऐसे वेबिनार का आयोजन करता रहेगा। उन्होंने युवा उद्यमियों, किसानों व विद्यार्थियों से विशेष अपील की कि जब भी भविष्य में ऐसे वेबीनार का आयोजन हो तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में भाग लेकर लाभान्वित हो।

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