हिसार

सेरो करो स्नान, शील सन्तोष सुचि प्यारो

अमृत वेला में उठ जाना चाहिए और उसी समय में किए गए स्नान की बड़ी भारी महता

भगवान श्री जांभोजी ने हमें सुखी स्वस्थ और सम्मानित जीवन जीने के लिए उणतीस नियमों में तीसरा नियम बतलाया (सेरो करो स्नान, शील सन्तोष सुचि प्यारो) सेरो का अर्थ है हम ब्रह्म मुहूर्त में शयया त्याग करके स्नान करें। जो ब्रह्म मुहूर्त में उठता है उसके अंत:करण में सत्व गुण पुष्ट होता है और वो तेजस्वी, ओजस्वी होने के साथ—साथ उसकी बौद्धिक शक्ति निरन्तर बढ़ती रहती है। अगर हमें आध्यात्मिक साधना में आगे बढ़ना है तो सूर्योदय से सवा दो घंटे पहले जब ब्रह्ममुहुर्तशुरू होता है, हमे उस अमृत वेला में उठ जाना चाहिए और उसी समय में किए गए स्नान की बड़ी भारी महता है। स्कंद पुराण के ब्राहमय खंड में आता है कि स्नान सनातन है और सनातन पुण्य देता है। सनातन धर्म में संयम का, सदाचार का, सनातन का, स्नान एक मुख्य अंग है। स्नान से मनुष्य सत्य को पाता है, स्नान सनातन धर्म है और धर्म से मोक्ष रूप फल को पा करके मनू जन्म मृत्यु के चक्कर से छूट जाता है।
(प्रातः स्नांन समाचरेत)
प्रातः काल स्नान करने से मनुष्य के पाप और स्वप्न के सब दोष मिट जाते हैं। प्रातः स्नान करने से शरीर में तेज़ का बढ़ना, सुन्दर रूप का होना और देह में सुखों की प्राप्ति, दारिदृय का दूर होना, दिव्य गुणों का शरीर में प्रवेश करना, दुर्गुणों का दूर होना प्रातः काल स्नान का प्रभाव होता है।
भृग संहिता के आधार पांच में लिखा है कि शरीर जल से, मन सत्य से, जीवात्मा विद्या और तप से और बुद्धि ज्ञान से शुद्ध होती है। स्नान के पांच भेद बताए गए हैं, जप स्नानं, तपसनानं, स्नान मिंनदिरय
संयम:, सर्व भूत दया स्नानं जल संसाधन तु पंचमी।
शास्त्रौ के अनुसार स्नान के पांच प्रकार है
पहला ब्रह्म स्नान जो ब्रह्म परमात्मा का चिन्तन करके, जल ब्रह्म है, स्थल ब्रह्म, नहाने वाला भी ब्रह्म,,,, है, ऐसा चिन्तन करते ब्रह्म मुहूर्त में जो स्नान करते हैं इसे ब्रह्म स्नान कहते हैं।
दूसरा ऋषि स्नान
ब्रह्म मुहूर्त में आकाश में तारे नज़र आ रहे हो उस समय नहाने को ऋषि स्नान कहते हैं।
तीसरा देश स्नान
देव नदियों में स्नान करना या देव नदियों का स्मरण करते हुए सूर्य उदय से पूर्व नहाने को देव स्नान कहते हैं।
चौथा है मानव स्नान
सूर्य उदय से पूर्व नहाने को मानव स्नान कहते हैं।
पांचवां है दानव स्नान
सूर्योदय के बाद खा-पीकर जो स्नान करते हैं, उसे दानव स्नान कहते हैं।

ओमप्रकाश राहड़, पटवारी
मोबाइल नंबर : 9992513729

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