हिसार

महात्मा ज्योतिबा फूले ने जगाई समानता व शिक्षा की अलख : हनुमान वर्मा

दीप जलाकर व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाई महात्मा ज्योतिबा फूल की जयंती

हिसार,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 5 अप्रैल को कोरोना वायरस के खिलाफ देश को एकजुट करने व सकारात्मकता के लिए 9 बजे 9 मिनट तक लाइट बंद करके और दीपक जलवाये थे। उसी परीपाटी को आगे बढ़ाते हुए महात्मा ज्योतिबा फूले की 193वीं जयंती पर घरों पर दिये जलाए गए और कोरोनावायरस हमारे देश से जड़मूल से खत्म हो इसकी कामना की गई। इस अवसर पर महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए। इसके साथ ही सभी ने संकल्प लिया कि अब हर महापुरुष के जन्मदिन पर दीपक जलाएंगे। सभी ने महात्मा ज्योतिबा फूले अमर रहे का उद्घोष किया। महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती का आयोजन आर्य नगर स्थित राजेंद्र जाखड़ के निवास पर किया गया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से मौजूद भाजपा नेता हनुमान वर्मा ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फूले ने समानता व शिक्षा की अलख जगाई। उन्होंने अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को प्रथम शिक्षिका बनाया। उन्होंने जिस समय अनुसूचित जाति के लोगों और महिलाओं को शिक्षा का अधिकार नहीं था, उन्हें अधिकार दिलाने का काम किया। इस देश में संत महात्मा बहुत हैं लेकिन अगर कोई असली महात्मा हुए तो वह ज्योतिबा फुले थे। महात्मा ज्योतिबा फुले नहीं होते तो बाबा साहब भीमराव अंबेडकर भी नहीं होते।
वर्मा ने बताया कि 11 अप्रैल 1827 को पुणे में इनका जन्म हुआ। इनकी माता का नाम चिमणाबाई व पिता का नाम गोबिंद राव था। ये माली परिवार में पैदा हुए। इनका परिवार कई पीढिय़ों से माली का काम करता था। वे सतारा से पुणे फूल लाकर फूलों के गजरे आदि बनाते थे इसलिए इन की पीढ़ी फूले के नाम से जानी जाती है। ज्योतिबा फूले बहुत बुद्धिमान थे। उन्होंने मराठी में अध्ययन किया। वे महान क्रांतिकारी, भारतीय विचारक, समाज सेवी, लेखक एवं दार्शनिक थे।
इस मौके पर अधिवक्ता पूनम बौद्ध ने बताया कि 1873 में इन्होंने महाराष्ट्र मे सत्य शोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। 28 नवम्बर 1890 में 63 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। हम सब को इनके दिखाए रस्ते पर चल कर अपना व राष्ट्र निर्माण में अपना भरपूर योगदान देनाचाहिए। वहां मुख्य रूप से नायब सूबेदार नत्थु राम जाखड़, राजेन्द्र जाखड़, नवीन जाखड़, पूनम बौद्ध, अनूप महाराज, चांद राम बौद्ध, पवन जाखड़, संत लाल वर्मा, अंगूरी देवी व रेणु आदि उपस्थित थे।

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