हिसार

पेड़ काटने वालों को समझाकर बचा लिया खेजड़ी का पेड़

हिसार,
आज से करीब 535 वर्ष पूर्व बिश्नोई धर्म प्रवर्तक गुरु जंभेश्वर भगवान द्वारा प्रतिपादित बिश्नोई धर्म के 29 नियमों को उनके अनुयाई बिश्नोई जन आज भी निभाते आ रहे हैं। गुरु जंभेश्वर जी ने जीव रक्षा, पर्यावरण सरंक्षण व पेड़-पौधों को बचाने पर सर्वाधिक जोर दिया था। उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए बिश्नोई समाज के सैंकड़ों लोग अब तक पेड़ों व जीवों को बचाने के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर चुके हैं।
इसी तरह की एक घटना आदमपुर में देखने को मिली। बिश्नोई समाज में पवित्र समझे जाने वाला खेजड़ी वृक्ष जब कुछ किसान अपने खेत में काटने की तैयारी कर रहे थे तो वहां से गुजर रहे युवा किसान जग्गू बिश्नोई उर्फ जगदेव गोदारा ने उनसे पेड़ ना काटने की विनती की। काफी जद्दोजहद के बाद खेत मालिक पेड़ न काटने पर राजी हुए। ऐसा करके जगदेव ने ‘सिर सांटे रुख रहे तो भी सस्ता जाण’ का अनुसरण करते हुए एक पेड़ की जान बचा कर अन्य लोगों को भी प्रेरणा दी है। अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नरषोत्तम मेजर ने इस कार्य की सराहना करते हुए पेड़ न काटने वाले किसानों व जग्गू बिश्नोई का धन्यवाद किया है।

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