हिसार

पीटीआई शिक्षकों की गलत चयन प्रक्रिया के लिए चयन बोर्ड जिम्मेवार

चयन प्रक्रिया गलत है तो तत्कालीन बोर्ड अधिकारियों पर की जाए कार्रवाही

हिसार,
हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन ( हसला ) के राज्य प्रधान दयानंद दलाल ने कहा है हाल ही में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में नियुक्त 1983 पीटीआई शिक्षकों की सेवाएं निरस्त कर दी हैं जिसके कारण उनके परिवारों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने कहा कि चयन प्रक्रिया के लिए उस समय का हरियाणा कर्मचारी चयन बोर्ड जिम्मेदार था। यदि हरियाणा कर्मचारी चयन बोर्ड से कोई चूक हुई या उसके सदस्यों ने जानबूझकर धांधली की थी तो असली सजा के हकदार चयन करने वाली अथॉरिटी थी न की चयनित कर्मचारी।
एक बयान में दयानंद दलाल ने अपने संगठन की ओर ने हरियाणा सरकार से गुहार लगाई है कि मानवीय आधार पर 1983 पीटीआई अध्यापकों के परिवारों के भविष्य को मदृदेनजर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में इन अभागे शिक्षकों की पैरवी करें। हसला राज्य प्रधान ने दुखी हृदय से बताया कि रामनिवास पीटीआई इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाया और उनका ब्रेन हेमरेज के कारण मृत्यु हो गई है। रामनिवास की पत्नी पहले ही पैरालिसिस से पीड़ित है। हसला संगठन ने शोकसंतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। संगठन ने पीड़ित पीटीआई अध्यापकों के प्रति इस संकट की घड़ी में एकजुटता व्यक्त की है तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में याचिका दायर करने में हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया है। दलाल ने हरियाणा सरकार से आग्रह किया कि वह अपनी सारी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन 1983 परिवारों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्धता दिखाए।

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