जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए
हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि हम सबको आपसी सहयोग से इस वर्ष हिसार को जीरो मलेरिया जिला बनाने का लक्ष्य प्राप्त करना है। गत वर्ष जिला में मलेरिया के 45 केस मिले थे, इसलिए यह लक्ष्य प्राप्त करना अधिक कठिन नहीं है। इस कार्य में सभी विभाग आपसी समन्वय से अपनी जिम्मेदारी निभाएं और सभी जिलावासी मच्छरों को पनपने पर रोक लगाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करें।
उपायुक्त ने यह बात आज जिला सभागार में जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला स्तरीय मलेरिया वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने जीरो मलेरिया जिला बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के लिए विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए आमजन से भी सहयोग का आह्वïान किया। उन्होंने कहा कि आजकल कोरोना के चलते अधिकतर लोगों का ज्यादातर समय घरों में ही बीतता है, इसलिए वे अपने खाली समय का सदुपयोग घर की सफाई, कूलर की सफाई व छतों पर पड़े बर्तनों व टायरों में पानी खड़ा न होने देने जैसे कार्यों में कर सकते हैं।
उपायुक्त ने कहा कि कोरोना रोग के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग पर पहले ही काफी दबाव है, इसलिए आगामी मानसून सीजन में पानी में पैदा होने वाले एनाफलीज व एड्ीज मच्छरों के पनपने पर रोक लगाना बहुत आवश्यक है ताकि डेंगू व मलेरिया न फैले। उन्होंने कहा कि इस कार्य में सभी विभाग अपनी जिम्मेदारी निभाएं। सभी अधिकारी अपने दफ्तरों की नियमित सफाई करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उनके कार्यालय में कूलर या अन्य स्थानों पर पानी एकत्रित न हो। पंचायत विभाग जिला की सभी पंचायतों को जागरूक करे कि गांवों में कहीं भी गड्डों आदि में पानी खड़ा न रहे। जहां जरूरत हो वहां फोगिंग भी करवाई जाए। सभी तालाबों में गंबुजिया मछली का बीज डलवाया जाए ताकि ये मछलियां लारवा को खाकर मच्छरों के पैदा होने की संभावना को खत्म कर दें। उन्होंने जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन संजीव त्यागी को यह सुनिश्चित करवाने को कहा कि कहीं भी जलापूर्ति लाइन में लीकेज न हो। इसके लिए उन्होंने एक टोल फ्री नंबर भी जारी करवाने को कहा जिस पर आमजन लाइन लीकेज की सूचना दे सकें। एक्सईएन संजीव त्यागी ने बताया कि इस संबंध में विभाग के टोल फ्री नंबर 18001805678 पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। उपायुक्त ने उन्हें पानी की सैंपलिंग करवाने व वाटर वक्र्स की नियमित सफाई करवाने के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय आगामी एक-दो माह शहरी क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था पर विशेष फोकस करे। कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए चलाए जा रहे अभियान के साथ-साथ डोर-टू-डोर मलेरिया उन्मूलन के संबंध में भी आमजन को जागरूक किया जाए। उन्होंने सिंचाई विभाग को नहरों की सफाई आदि के कार्य प्राथमिकता के आधार पर करवाने को कहा। इसके लिए मनरेगा श्रमिकों को लगाया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की हिदायतें दी गईं। रोडवेज की वर्कशॉप में पड़े बेकार टायरों में पानी खड़ा न होने देने के लिए भी उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए।
सिविल सर्जन डॉ. योगेश शर्मा ने बताया कि पिछले वर्षों के मुकाबले डेंगू व मलेरिया के मामलों में कमी आई है लेकिन जीरो का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हमें पूरी तरह से जागरूक होकर कार्य करना होगा। इस कार्य में जिलावासियों का सहयोग भी अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि खाली प्लाटों व गड्ढïों में खड़े पानी, पुराने बेकार टायरों, छतों पर रखे गए अनुपयोगी बर्तनों व अन्य जलस्रोतों में खड़ा पानी मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के पैदा होने के सबसे उपयुक्त स्थान हैं। इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि ऐसे स्थानों पर लगातार पानी खड़ा न रहे। गड्डों आदि में खड़े पानी में तेल आदि डाल देना चाहिए ताकि मच्छर न पनप सके। उन्होंने बताया कि जिला के 685 में से 356 तालाबों में गंबुजिया व गप्पी मछलियों के बीज डलवाए जा चुके हैं। शेष तालाबों में बीज डालने का कार्य करवाया जा रहा है।
बैठक में एसीयूटी अंकिता चौधरी, एसडीएम राजेंद्र सिंह, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल व डॉ. रत्ना भारती, नोडल ऑफिसर डॉ. सुभाष, डॉ. तरुण, डॉ. रमेश पूनिया, डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्रर डॉ. प्रदीप हुड्डïा, एक्सईएन रमेश कुमार, संजीव त्यागी, हेल्थ इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह व रामदर्शन सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।