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झड़ते बालों की समस्या से सिर्फ महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुष भी परेशान हैं। इसको रोकने के लिए हर उपाय कर रह हैं। गंजापन को दूर करने के लिए तरह—तरह के तरीके आमजन अपनाते है लेकिन फिर भी गंजापन दूर नहीं हो पाता। थककर वे गंजेपन को स्वीकार कर लेते हैं। गंजापन को दूर करने के लिए मेडिकल साइंस में कोई प्रभावशाली दवा नहीं है। लेकिन भारत की प्राचीन आयुर्वेद पद्धति में इसका निदान है।
गंजेपन के कारण कई हो सकते हैं, जैसे—
-एक उम्र के बाद बाल झड़ने लगते हैं, जो गंजेपन का रूप ले लेते हैं। यह बाल झड़ने का आम कारण है।
-हार्मोनल असंतुलन के कारण भी बाल झड़ सकते हैं।
-सिर पर चोट लगने की वजह से भी बाल झड़ सकते हैं, जो गंजेपन के कारण बन सकते हैं।
-सिर पर दाद के होने से भी गंजेपन को बढ़ावा मिल सकता है।
-शरीर में आयरन की कमी बालों के झड़ने को बढ़ावा दे सकती है।
-आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न होने से भी गंजेपन को आमंत्रण मिल सकता है।
-अगर परिवार में कोई गंजेपन का शिकार हुआ है, तो यह समस्या आने वाली पीढ़ी के किसी भी शख्स को हो सकती है।
-कोई बीमारी भी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है।
-रसायन चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली दवाइयां भी गंजेपन का कारण बन सकती हैं।
आयुर्वेद पद्धति से गंजेपन को महज 120 घंटे में दूर किया जा सकता है। इसके लिए आपको हमारी आयुर्वेद दवाई को रोजाना एक घंटे तक सिर पर लगाना है। आपको पहले 15 दिनों में रिजल्ट मिलना आरंभ हो जाता है और 21वें दिन तो आसपास के लोग भी आपके नए बालों की तारीफ करने लगते हैं। जिन लोगों का सिर बिल्कुल हथेली की तरह हो चुका है उनको 50 दिनों में रिजल्ट मिलना आरंभ हो जाता है।
आयुर्वेद दवाई को 1 घंटे तक सिर पर लेप की तरह लगाना है। इसके बाद सिर को धो लेना है। सिर को धोने के बाद दवाई के साथ मिलने वाले जड़ी—बूटी के तेल को सिर पर लगाना है। ध्यान रहे दवा 55 साल की आयुवर्ग तक की ही बेहतर परिणाम देता है। दवा लगाने का तरीका दवाई के साथ ही भेजा जाता है।
दवा के कोर्स की कीमत केवल 2500 रुपए मासिक है। इसमें कुरियर का खर्च शामिल है।