हिसार,
जिंदल स्टेनलेस (हिसार) लिमिटेड (जेएसएचएल) ने वित्त वर्ष 2019-20 की चौथी तिमाही में 94 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही के मुक़ाबले 43% अधिक है। कंपनी द्वारा नई कर प्रणाली अपनाए जाने के कारण 31 मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष और तिमाही में कंपनी को क्रमशः 22 करोड़ रुपए और 57 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। आयकर अधिनियम की उक्त धारा कंपनियों को कमतर दर पर आयकर के भुगतान का विकल्प मिलता है। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी का एबिट्डा 174 करोड़ रुपए और आय 2,030 करोड़ रुपए रहे।
जिंदल स्टेनलेस (हिसार) लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने कहा, “वैश्विक चुनौतियों और वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही में मांग में आई नर्मी के बावजूद, जेएसएचएल का प्रदर्शन स्थिर रहा। हमारे एसपीडी (स्पेशिलिटी प्रोडक्ट डिवीज़न) प्रभाग ने सालाना तौर पर 13% की वृद्धि दर्ज की। यह प्रभाग अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में पृसीशन स्ट्रिप, ब्लेड स्टील और कॉयन ब्लैंक्स जैसे उच्च मूल्य वाले स्टेनलेस स्टील उत्पादों की आपूर्ति करता है। इस तिमाही में आयात का स्तर अधिक रहा, जिसकी कुल बाज़ार में लगभग 30% हिस्सेदारी थी। इसी कारण घरेलू उद्योग अपनी क्षमता से कम स्तर पर परिचालन करने के लिए मज़बूर रहे। हमें उम्मीद है कि सरकार द्वारा घरेलू उद्योगों के समर्थन में की गई घोषणा के चलते, बाज़ार पर सब्सिडिशुदा और अनुचित आयात के दबाव में कमी आएगी।”
भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग एफटीए देशों से होने वाले आयात से जूझता रहा। इंडोनेशिया से होने वाला स्टेनलेस स्टील आयात पिछले वित्त वर्ष में 75,187 टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2019-20 में 2,60,881 टन हो गया। इसके कारण चैनल इन्वेंटरी में तीव्र बढ़ोतरी दर्ज हुई जिससे घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ा।
सालाना स्तर पर कंपनी का मुनाफ़ा 320 करोड़ रुपए रहा जो पिछले वित्त वर्ष के मुक़ाबले 22% अधिक है। इस दौरान कंपनी का एबीट्डा 862 करोड़ रुपए जबकि आय 8,340 करोड़ रुपए रही। वैश्विक स्तर पर आयी गिरावट और देशों के बीच जारी ट्रेड वार्स के चलते सलाना बिक्री पर असर पड़ा। वाहन और बर्तन क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील की मांग साल भर कम रही, जबकि कोविड-19 ने आखरी तिमाही में व्यापार को प्रभावित किया। कंपनी की बिक्री वित्त वर्ष 18-19 में 6.67 लाख टन से 10% घटकर वित्त वर्ष 2019-20 में 6 लाख टन हो गयी। इसका कारण अनुचित मूल्य वाले लगातार किये जा रहा आयात भी रहा, जिसके कारण भारतीय उत्पादक अपनी कुल क्षमता का पूर्ण उपयोग करने में असक्षम रहे।
कोरोना वायरस रोग 2019 (कोविड-19) महामारी से वैश्विक स्तर पर हुए सामाजिक और आर्थिक असंतुलन का असर भारत में भी देखा जा सकता है। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार द्वारा नियोजित लॉकडाउन की वजह से 25 मार्च 2020 से 6 मई 2020 तक कंपनी की विनिर्माण इकाइयां बंद रहीं। सरकार के निर्देशों का अनुपालन करते हुए कंपनी ने चरणबद्ध तरीके से 7 मई को सीमित परिचालन शुरू किया। कंपनी ने सामाजिक दूरी और सुरक्षा से जुड़े सरकार के सभी दिशानिर्देशों को लागू करते हुए सभी लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की व्यवस्था की। कंपनी का परिचालन बाज़ार की स्तिथि के मुताबिक धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
स्टेनलेस स्टील क्षेत्र सीधे तौर पर देश के जीडीपी से जुड़ा है। इसलिए कोविड-19 के मद्देनज़र देश की आर्थिक गतिविधियों में आई नर्मी से कंपनी की वृद्धि प्रभावित हुई। हालांकि कंपनी का मानना है कि अपनी मज़बूत बुनियाद के चलते, परिचालन पर पड़ा प्रभाव लम्बे समय तक नहीं रहेगा। साथ ही कंपनी ने एक आंतरिक कोविड कार्य बल का गठन किया है जो स्थिति पर निगरानी रख रहा है ताकि ज़रूरत पड़ने पर फौरन नीति में बदलाव किया जा सके और कारोबारी परिचालन को स्थिर किया जा सके।
मई 2020 की शुरुआत से ही लॉकडाउन में ढील के साथ ही आर्थिक रुझान मे सुधार के आरंभिक संकेत देखे जा सकते हैं। कंपनी इस समय निर्यात ऑर्डर पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चीन के सब्सिडिशुदा उद्योगों के वैश्विक बाज़ार से बाहर होने की अपेक्षा के चलते भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग को लाभ होने की उम्मीद है। सरकार के आर्थिक पैकेज, ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ से देश के कारोबारी रुझान में सुधार होने की उम्मीद है। नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन और स्वास्थ्य एवं मेडिकल उद्योग में उपकरण एवं इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसी योजनाएँ घरेलू स्टेनलेस स्टील उद्योग के लिए विशेष तौर पर लाभकारी रहेंगी।
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