केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 डिस्चार्ज पॉलिसी में किया संशोधन
हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि कोरोना महामारी का बेहतर तरीके से सामना करने व उचित प्रबंधन के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 डिस्चार्ज पॉलिसी में संशोधन किया है। मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में सभी सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, शहरी स्थानीय निकाय व सेना के अस्पतालों को संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी का अनुसरण करने को कहा गया है।
उपायुक्त ने बताया कि मंत्रालय द्वारा संशोधित डिस्चार्ज नीति को 3 स्तरीय कोविड सुविधाओं की गाइडलाइंस और नैदानिक गंभीरता के आधार पर रोगियों के वर्गीकरण के साथ जोड़ा गया है। हल्के, बहुत हल्के व पूर्व लक्षण वाले भर्ती मरीजों के मामले में उनके तापमान व पल्स ऑक्सीमेट्री की निगरानी पूर्व की भांति की जाएगी। लक्षण प्रकट होने से 10 दिन बाद ऐसे मरीज को डिस्चार्ज किया जा सकता है जिसे तीन दिन से बुखार न आया हो। डिस्चार्ज करने से पहले उसका परीक्षण करने की आवश्यकता नहीं है।
उपायुक्त ने बताया कि डिस्चार्ज के समय रोगी को घर पर स्वयं को क्वारेंटाइन रखने और अगले 7 दिनों तक अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने की सलाह दी जाएगी। डिस्चार्ज होने के बाद यदि उसे किसी प्रकार की दिक्कत आती है तो वह कोविड केयर सेंटर अथवा स्टेट हेल्पलाइन नंबर 1075 पर संपर्क कर सकता है। ऐसे व्यक्ति के स्वास्थ्य की अगले 14 दिन तक टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निगरानी की जाएगी। कोविड केयर सेंटर से डिस्चार्ज करने से पूर्व यदि मरीज की ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 प्रतिशत से कम हो जाती है तो उसे डेडिकेटिड कोविड हैल्थ में भिजवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि मॉड्रेट मामलों में यदि 3 दिन में बुखार आना बंद हो जाता है, सांस लेने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो तथा ऑक्सीजन पर निर्भरता न रहे तो मरीज को 10 दिन में डिस्चार्ज किया जा सकता है। ऐसे मामलों में डिस्चार्ज करने से पहले परीक्षण की आवश्यकता नहीं है।