हिसार

पीटीआई अध्यापकों को बहाल नहीं किया तो जन आंदोलन का रूप लेगा आंदोलन

पीटीआई अध्यापकों के समर्थन में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी बैठे क्रमिक अनशन पर

हिसार,
हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के तत्वावधान में शिक्षक संगठनों हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन से राज्य उपप्रधान भगवानदत्त, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से राज्य उपमहासचिव प्रभु सिंह, हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन से जिला प्रधान राज सिंह मलिक व हरियाणा प्राइमरी टीचर्य एसोसिएशन से जिला प्रधान रणधीर बूरा क्रमिक अनशन पर बैठे।
उपरोक्त शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि सरकार 1983 पीटीआई की सेवाएं शीघ्र बहाल करे तथा सेवाकाल के दौरान असामायिक मृत्यु को प्राप्त हुए शिक्षकों के आश्रितों को अनुग्रह राशि जो सरकार ने हाल ही में तुगलकी फरमान जारी कर रोक दी है, को शीघ्र जारी किया जाए। शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने पीटीआई अध्यापकों के क्रमिक अनशन के 22 दिन उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए बताया कि सर्वाेच्च न्यायालय ने 85 पृष्ठीय फैसले में कहीं भी किसी भी शारीरिक शिक्षकों पर कोई अंगुली नहीं उठाई है। केवल भर्ती एजेंसी द्वारा अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया को दोषपूर्ण माना। अदालत ने सरकार को कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाऊन की समाप्ति के 5 माह बाद पुन: भर्ती प्रक्रिया अपनाने को कहा, लेकिन हरियाणा सरकार ने महामारी के अवसर का लाभ उठाते हुए सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशों को दर किनार कर 1 व 2 जून 2020 को सभी पीटीआई को घर का रास्ता दिखा दिया। जिसके चलते इनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इससे भी आगे बढ़ते हुए जो पीटीआई सेवाकाल के दौरान असमय काल का ग्रास बने उनके परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि को भी बंद कर अपने अहंकारी व तानाशाही प्रवृति का संकेत दिया। इसकी शिक्षक संगठन कड़ी निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि सरकार अपनी विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हटाए गए पीटीआई को बहाल करे अन्यथा शारीरिक शिक्षकों का आंदोलन एक जनआंदोलन का रूप ले लेगा, जिसके कारण होने वाली अव्यवस्था व काम बंदी के लिए राज्य सरकार पूर्ण रूप से जिम्मेवार होगी।

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