हिसार

प्रणाामी संत सदानंद महाराज ने जीवन के कष्ट मिटाने के लिए दिए 3 मंत्र

आदमपुर,
जीवन को कष्ट रहित बनाना है तो महज 3 नियमों को जीवन में उतार लो—इसके बाद जीवन में कष्ट कभी नहीं आयेगा। प्रणामी मिशन के संत शिरोमणि सदानंद महाराज ने जवाहर नगर में महेश अग्रवाल के घर पर आयोजित सत्संग में जीवन को सुखमय बनाने के लिए 3 नियम श्रद्धालुओं को दिए। उन्होंने कहा पहला नियम है मीठी वाणी। मीठी वाणी के बल पर शत्रु को भी अपना बनाया जा सकता है। मीठी वाणी बिना हथियार के शत्रु पर विजय दिला सकती है। पूरे लोक में लोकप्रिय बनाकर सम्मान और यश दिलाती है। इसलिए कभी भी कड़वा, अभद्र और कठोर शब्दों का इस्तेमाल मत करना। सदा मीठा बोलना।

दूसरे नियम के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सम्मान करना सीखें। प्रणामी संत ने कहा कि हमें हर एक इंसान का सम्मान करना चाहिए। छोटा—बड़ा, अमीर—गरीब, जात—पात और धर्म—सम्प्रदाय से ऊपर उठकर इंसानियत को अपनाते हुए प्रत्येक इंसान का सम्मान करना चाहिए। जो सम्मान देता उसे चारों तरफ से सम्मान मिलता है। भूल से भी किसी का अपमान न करे। सम्मान करने वाले व्यक्ति सदा समाज में सम्मानित रहता है।
सुखमय जीवन का तीसरा नियम है जैसा बाहर—वैसा भीतर रहो। प्रणामी संत सदानंद महाराज ने कहा कि तीसरा नियम मानव स्वभाव से जुड़ा है। इसे अपनाना बेहद आवश्यक है। आप जैसे बाहर व्यवहार करते हैं वैसा ही अपना हृदय बनाकर रखो। कभी भी मुहं में राम और बगल में छूरी की अवधारणा पर मत चलो। जो बाहर और भीतर से साफ रहेगा—उसके हृदय में भगवान का वास रहेगा। उसका मन शांत रहेगा। वो षड़यंत्रों से दूर रहेगा। ऐसा मनुष्य बिना तप के भी एकाग्र रहेगा। इसलिए दिल में मैल कभी जमा मत होने देना।

इस दौरान उन्होंने कोरोना महामारी से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के दिशा—निर्देशों को मानने की अपील सभी श्रद्धालुओं से की। उन्होंने कहा कि हमें मास्क को अपने जीवन का हिस्सा बना लेना चाहिए। इस महामारी से हमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की शिक्षा मिली है। आमजन को हाथ मिलाने के स्थान पर प्रणाम के महत्व का पता चला है। जाने—अनजाने में सांस के साथ कीट को शरीर में प्रवेश होने का पता चला है। ऐसे में हमें मास्क लगाकर स्वयं को स्वास्थ रखना है।

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