आशा वर्कर यूनियन का धरना 25वें दिन भी जारी रहा
हिसार,
सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन का धरना नागरिक अस्पताल में 25वें दिन भी जारी रहा। धरने व प्रदर्शन की अध्यक्षता सीमा देवी ने की जबकि अनिता ने संचालन किया। धरने व प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला सह सचिव विरेंद्र दुर्जनपुर ने कहा कि सरकार ने कोरोना की आड़ में सभी सरकारी विभागों को बेचने की तैयारी कर ली है। अधिकतर सरकारी विभाग सरकार ने निजी हाथों में सौंप दिए हैं और जो कुछ बचे हैं उन्हें भी हरियाणा सरकार एवं केंद्र की सरकार मनमाने दामों पर अपने चहेतों को सौंप रही है जिससे लाखों लोग बेरोजगारी की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार ने कहा था कि हर साल 2 करोड लोगों को रोजगार दिया जाएगा लेकिन जिन लोगों को रोजगार था, कोरोना महामारी में अनेक फैक्ट्रियों में भारी छंटनी कर दी गई है लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं। आने वाले दिनों में हालात और भी बदतर होने वाले हैं। सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है और वह किसी की नहीं सुन रही है। देश के बड़े—बड़े अर्थशास्त्री तक यह बोल चुके हैं कि लोगों को कोरोना जैसी महामारी के बीच आर्थिक सहायता आर्थिक पैकेज देने चाहिए ताकि देश की अर्थव्यवस्था सुचारु रुप से चल सके।
आशा वर्कर युूनियन की जिला प्रधान सीमा देवी ने कहा कि सरकार बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ का झूठा नारा दे रही है, वास्तव में यह बेटियों की विरोधी सरकार है। लगातार 7 अगस्त से आंदोलन चला रही आशा वर्करों की समस्याओं का समाधान ना करना दर्शाता है कि हरियाणा सरकार महिला विरोधी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में तीन बार की गई हड़ताल और जुलाई 2018 को हुए समझौते को 2 वर्ष गुजर जाने के बाद भी हरियाणा सरकार ने लागू नहीं किया, जो दर्शाता है कि हरियाणा सरकार की नीति और नीयत में खोट है। उन्होंने कहा कि सरकार जितना लंबा आंदोलन चलवाए लेकिन आशा वर्कर्स घुटने टेकने की बजाय, हरियाणा सरकार के घुटने टिका कर दम लेंगी और सम्मानजनक समझौते के साथ आंदोलन खत्म किया जा सकता है।