सब—इंस्पेक्टर को देखते ही चहक जाते हैं बच्चों के चेहरे
बेंगलुरु,
पुलिस का नाम आते ही अकसर लोग कांप जाते हैं। लेकिन एक सब—इंस्पेक्टर ऐसे भी है उनका नाम सुनते ही बच्चें खुशी से झूम उठते हैं। दरअसल, सब-इंस्पेक्टर शांतापा जाडम्मानवर रोज सुबह अपने काम पर जाने से पहले प्रवासी मजदूरों के बच्चों को पढ़ाते हैं। ये बच्चे कोरोना महामारी में स्मार्ट फोन खरीद कर ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं ले सकते हैं ऐसे में शांतापा ही इनकी शिक्षा का जरिया हैं।
मेरा प्रवासी मज़दूरों से बहुत गहरा जुड़ाव रहा है, 2005 में जब मैं बेंगलुरु आया तब मैंने भी प्रवासी मज़दूर के तौर पर काम किया था। अगर हम इन बच्चों को शिक्षा नहीं देंगे तो इनका भविष्य भी इनके माता-पिता जैसा होगा, मैं नहीं चाहता कि ये हो: सब-इंस्पेक्टर शांतापा जाडम्मानवर https://t.co/Unlml3Wc3z pic.twitter.com/uJU8lCuyJH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 8, 2020
सब-इंस्पेक्टर शांतापा जाडम्मानवर ने बताया मेरा प्रवासी मज़दूरों से बहुत गहरा जुड़ाव रहा है। 2005 में जब मैं बेंगलुरु आया तब मैंने भी प्रवासी मज़दूर के तौर पर काम किया था। अगर हम इन बच्चों को शिक्षा नहीं देंगे तो इनका भविष्य भी इनके माता-पिता जैसा होगा। लेकिन मैं नहीं चाहता कि ये बच्चे भी मजदूरी करे। शिक्षा के बल पर इनको आगे बढ़ाने की उनकी कोशिश है और ये जीवनभर जारी रहेगी।