भिवानी

पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर बनाई प्लानिंग…प्रेमी ने पति की छाती पर चढ़ा दी गाड़ी

बवानीखेड़ा,
बापोड़ा के पूर्व सरपंच विश्वनाथ के इकलौते पुत्र की हत्या की साजिश उसकी पुत्रवधु ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर रची थी। इस बात का खुलासा गुरुवार को बवानीखेड़ा पुलिस थाना एसएचओ जयसिंह ने किया है। पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी व पुत्रवधु को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है। पुलिस ने पूर्व सरपंच के पुत्र श्रीकांत का शव 28 अगस्त को सुबह जाटू लाेहारी-सुई लिंक रोड से ड्रेन पुलिया के पास से बरामद किया था।

शव की जांच में चिकित्सकों के सामने आया कि श्रीकांत की पसलियां टूटी हुई है। इससे सड़क दुर्घटना की आशंका जताई जा रही थी, जिसके चलते शव का पांच सदस्यीय चिकित्सक दल ने पोस्टमार्टम किया था लेकिन परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी और पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। पुलिस ने मृतक श्रीकांत के फोन की डिटेल की जांच की और उसके रिश्तेदार, परिजनों व दोस्तों से पूछताछ की।

जिसमें गांव बापोड़ा निवासी उसके एक दोस्त का मोबाइल नंबर बार-बार बंद मिला और वह गांव से भी गायब था। पुलिस ने गहनता से उक्त युवक की तलाश की और उसे दो दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। युवक की पहचान बापोड़ा निवासी नरेंद्र उर्फ गगन के रूप में हुई थी। पुलिस के सामने गगन ने श्रीकांत की हत्या का राज उगला।

बवानीखेड़ा थाना एसएचओ इंस्पेक्टर जयसिंह ने बताया कि बापाेड़ा निवासी नरेन्द्र उर्फ गगन गांव में एक युवक की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और वह जमानत पर आया था। नरेंद्र का विवाह उसके भाई की मौत के बाद भाभी से कर दिया गया था। उसे दो लड़कियां हैं। दो साल से नरेंद्र का श्रीकांत की पत्नी से प्रेम प्रसंग चल रहा है। कुछ दिन पहले नरेन्द्र की बेटी का रिश्ता तय हुआ था। शादी के खर्च के लिए श्रीकांत की पत्नी मधु व नरेन्द्र ने योजना बनाई की श्रीकांत की मौत एक्सीडेंट से कर दी जाए तो रोड क्लेम से मिलने वाली पांच लाख की रकम से वह अपनी बेटी की शादी कर सकता है। जिस पर दोनों की सहमति बन गई।

योजना के तहत नरेन्द्र उर्फ गगन ने 27 अगस्त को श्रीकांत को फोन किया। उस समय श्रीकांत तोशाम गया हुआ था। उसे लेने के लिए नरेन्द्र तोशाम पहुंच गया। तोशाम से वे धनाना पहुंचे और नरेन्द्र के जेल के साथी संदीप व रोहताश उर्फ पारवा सभी संदीप की वरना गाड़ी में महम पहुंचे और फिर बेडवा से धनाना आ गए। धनाना से चारों गाड़ी में व एक श्रीकांत की बाइक लेकर जाटू लुहारी रोड पर आ गए। जहां श्रीकांत को शराब पिलाई। शराब पीने के बाद जाटू लुहारी-सुई लिंक रोड पर श्रीकांत को गिरा दिया। इस पर संदीप ने श्रीकांत की छाती पर गाड़ी चढ़ा कर उसकी हत्या कर दी। गाड़ी चढ़ते समय लोहे की किसी वस्तु से श्रीकांत का एक कान कट गया था। इसी रात को बारिश के कारण श्रीकांत के कपड़े व फोन भी पानी में भीग गया था।

श्रीकांत की हत्या के अगले दिन नरेंद्र ने उसकी पत्नी मधु को फोन से सूचना दी कि उसने श्रीकांत की हत्या कर दी है। पुलिस ने जब उसके दोस्तों से संपर्क किया तो नरेंद्र से फोन पर संपर्क नहीं हुआ। पुलिस नरेंद्र के घर पहुंची तो वह वहां भी नहीं मिला। पुलिस लगातार उससे संपर्क बनाने का प्रयास करती रही लेकिन उससे बात नहीं हुई। इससे पुलिस को शक हुआ कि नरेंद्र से ही श्रीकांत की हत्या का राज खुल सकता है।
पुलिस ने नरेंद्र की तलाश शुरू की और उसे दो दिन पहले पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद ही गुरुवार को श्रीकांत की हत्या का राज खुला। नरेंद्र व श्रीकांत की पत्नी के बीच लगभग दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। नरेंद्र ने ही मधु को मोबाइल सिम दिलवा रखी है। दोनों फोन पर बातचीत करते हैं। मधु को अपने पति की हत्या की बात अगले ही दिन चल गई थी, लेकिन उसने न तो परिजनों को बताया और न ही पुलिस को। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि मधु व नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है, संदीप व रोहतास की गिरफ्तारी बाकी है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk