हिसार,
डायबिटिक पेशेंट्स के लिए अच्छी खबर है। जीजेयू के फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट के डॉ. जसप्रीत कौर और प्रो. एसके सिंह ने एक रिसर्च के जरिये फिजिकल एक्टीविटीज से जुड़ी एक्सरसाइज की कुछ टाइप्स को डायबिटीज कंट्रोल में कारगर बताया। रिसर्च के लिए 120 डायबिटीज पेशेंट्स को चुना गया। रिसर्च से पहले इन पेशेंट्स HbA1c टेस्ट करवाया। इसके बाद तीन साल इन पेशेंट्स से विभिन्न एक्सरसाइज करवाईं। रिजल्ट पाया कि एक हफ्ते में तीन बार कोर स्ट्रेंथनिंग और एरोबिक एक्सरसाइज करने से ब्लड ग्लूकोज लेवल तो कंट्रोल होता ही है, साथ ही डायबिटीज की वजह से होने वाले दूसरे बैड इफेक्ट्स भी कम हुए।
हर तीन महीने में HbA1c टेस्ट करवाया रिसर्च के लिए चुने इन 120 डायबिटीज पेशेंट्स को 12 अलग-अलग ग्रुप्स और सब ग्रुप्स में बांटा गया। इसके बाद एक ग्रुप को कोर स्ट्रेंथनिंग, दूसरे ग्रुप से एरोबिक और तीसरे ग्रुप से कोर स्ट्रेंथनिंग के साथ एरोबिक एक्सरसाइज करवाई गईं। वहीं कुछ ग्रुप्स को सब ग्रुप में बांट कर उनसे अन्य कई एक्सरसाइज करवाई गईं। इस एक्सरसाइज को करने के लिए हर ग्रुप को एक फिक्स टाइम दिया।
इसके बाद हर ग्रुप के टाइम को कम ज्यादा करके भी देखा गया, जिससे एक दिन में कितनी एक्सरसाइज पर्याप्त है इसके बारे में जानकारी जुटाई जा सकी। इन पेशेंट्स का हर तीन महीने में HbA1c टेस्ट करवाया गया। तीन साल बाद आए रिजल्ट को पहली बार के रिजल्ट से तुलना करके यह समझा गया कि किस तरह कोर स्ट्रेंथनिंग और एरोबिक एक्सरसाइज पुरानी से पुरानी मधुमेह बीमारी को कंट्रोल करने में कारगर साबित होती है।
कोर स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज में कोर स्टेबलाइजर, स्टैंडिंग आब्लिक बेंड्स, प्लैंक, साइड प्लैंक, हिप थ्रस्ट, ब्रिज मेट्रोनोम, प्लैंक लिफ्ट, रिवर्स क्रंच और बैक एक्सटेंशन आदि को शामिल किया तो वहीं एरोबिक एक्सरसाइज में रस्सी कूद, सैर करना या टहलना, जॉगिंग, तैराकी, इसोमेट्रिक्स, वेट ट्रेनिंग एरोबिक जैसी एक्सरसाइज रहीं।
कोर स्ट्रेंथनिंग एक्सरसाइज पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करती हैं। जिससे बॉडी का सही पॉश्चर मेंटेन हो पाता है। वहीं एरोबिक एक्सरसाइज से शरीर में खून का संचार सही से होता है। शरीर की मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं। जिससे चर्बी कम होती है जिसका सीधा असर ब्लड ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल करने में होता है।