हिसार

बदलती जलवायु व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखकर करें रिसर्च : समर सिंह

रिसर्च प्रोग्राम कमेटी की उच्च स्तरीय बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने किया मंथन, भविष्य की योजना पर किया फोकस

हिसार,
वैज्ञानिक मौजूदा समय में बदलते जलवायु परिवेश व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को ध्यान में अपने अनुसंधान कार्य को आगे बढ़ाएं। इससे एक ओर जहां फसलों की गुणवत्ता कायम रहेगी वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उनकी डिमांड बढ़ेगी।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. समर सिंह ने विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित रिसर्च प्रोग्राम कमेटी की 49वीं उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक फसलों, फलों व सब्जियों की नई किस्मों व तकनीकों को विकसित करते समय इस बात का भी खास ध्यान रखें कि उसका लाभ हर छोटी से छोटी जोत वाले किसान तक पहुंचना चाहिए। इसके अलावा जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि गलत खानपान व अधिक रसायनों के प्रयोग से बढ़ रही बीमारियों पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमें किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स जैसी दूसरी विकसित तकनीकों को अपनाना होगा और किसानों के अनुकूल बनाना होगा। उन्होंने भविष्य की चिंता करते हुए कहा कि भूमिगत जल स्तर नीचे जा रहा है और पानी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, ऐसे में पानी की बचत और श्रम गहन प्रौद्योगिकी को अपनाना बहुत ही जरूरी है। उन्होंने किसानों से भी अपील की कि वे विश्वविद्यालय से जुडक़र अधिक से अधिक कृषि संबंधी जानकारी हासिल करें और लाभ उठाएं। विश्वविद्यालय हर समय किसानों की सेवा के तत्पर है।
विश्वविद्यालय का देश के खाद्यान भण्डारण में अहम रोल
अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. सहरावत ने पिछली बैठक के एजेंडों के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा बीते सालों में अनाज, दलहन, तिलहन फसलों, सब्जियों और फलों की लगभग 250 किस्में विकसित की जा चुकी हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय के पास 17 पेटेंट, 2 डिजाइन, 5 कॉपीराइट और एक व्यापार चिह्न हैं। विश्वविद्यालय का देश के खाद्यान भण्डारण में अहम रोल है। बैठक के दौरान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से भी वैज्ञानिक व उच्च अधिकारी शामिल हुए और रिसर्च कार्यक्रम समिति के विभिन्न मुद्दों पर समीक्षा की। इस दौरान वैज्ञानिकों ने सुझाव दिया कि अगर किसान समूह बनाकर खेती करें तो महंगी तकनीकों के खर्च को वहन करने में सक्षम हो सकते हैं और अधिक से अधिक लाभ कमाकर आर्थिक रूप सेे समृद्ध बन सकते हैं। अनुसंधान निदेशक ने बताया कि विश्वविद्यालय नेे इसी वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से जारी अटल रैंकिंग ऑफ इंस्टीट्यूशन्स ऑन इनोवेशन एंड एचीवमेंटस में कृषि विश्वविद्यालयों में देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया, जो विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही गौरव की बात है। इसी प्रकार केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फे्रमवर्क में विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय को देशभर में 49वां स्थान जबकि प्रदेश में पहला स्थान मिला था।
मधुमक्खी पालन, बागवानी व मशरूम खेती को बढ़ावा देने पर रहा जोर
बैठक के दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया। इस दौरान किसानों से बागवानी के क्षेत्र में भी फलों की उन्नत किस्मों को अपनाते हुए आगे बढऩे की अपील की। साथ ही मशरूम की विभिन्न किस्मों को लेकर भी चर्चा की जिनकी मौजूदा समय में औषधीय महत्ता बढ़ रही है। इसके अलावा अधिक उत्पादन क्षमता वाली फसलों की किस्मों, कृषि वानिकी, जैविक खेती के साथ गुणवत्तापूर्वक अनुसंधान की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया।
इन्होंने लिया बैठक में हिस्सा
अनुसंधान निदेशक व अनुसंधान कार्यक्रम समिति के सचिव डॉ. एस.के. सहरावत ने बताया कि कार्यक्रम समिति की इस 49वीं बैठक मेें हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु प्रदेश के कृषि एवं बागवानी विभाग के महानिदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल, केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार, राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान संस्थान, हिसार, मत्स्य विभाग हरियाणा, पर्यावरण विभाग के निदेशक, लुवास से अनुसंधान निदेशक, एचएयू के वित्त नियंत्रक सहित एचएयू व लुवास के सभी महाविद्यालयोंं के अधिष्ठाता एवं निदेशकों ने भाग लेकर अपने विचार साझा किए।

Related posts

कैश न मिलने पर आदमपुर में बैंक उपभोक्ताओं ने किया प्रदर्शन

Jeewan Aadhar Editor Desk

हिसार व हांसी में पीडि़तों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताडि़त कर रही पुलिस : प्रतिभा सुमन

31 दिसंबर को हिसार में होने वाले मुख्य कार्यक्रम

Jeewan Aadhar Editor Desk