आदमपुर,
जिले में छाए स्मॉग ने अब आंखों में जलन तथा सांस लेने में दिक्कत पैदा शुरू कर दी है। हमारे शरीर की ऊंचाई के करीब कोहरे की तरह घूम रही स्मॉग को बहुत से लोग खेतों में पराली जलाने के धुएं का कारण मानने लगे हैं, जबकि पराली जलाने वाले ही इसके दोषी नहीं हैं। विशेषज्ञों की मानें तो इसमें ईंट भट्टों, वाहनों व अन्य साधनों का धुआं भी है, जो कि पराली का धुआं मिलने के बाद भारी हो गया।
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स्मॉग के दबाव की वजह से वायुमंडल में घुल नहीं पाया। इससे यह जहरीली स्मॉग छा गई है। सोमवार को भी छाई स्मॉग से लोग परेशान रहे और बाहर निकलने के बजाए घरों में कैद रहे क्योंकि बाहर निकलने के बाद दिन भर लोग टीवी चैनलों पर इसकी हकीकत देखते रहे। यह स्मॉग इतना घना है कि सूर्य देव भी थोड़ी देर दर्शन देकर गायब हो गए।
आक्सीजन कम होने से छात्र की अटकी सांसें
सुबह के समय वातावरण में स्मॉग ज्यादा होने व आक्सीजन कम होने से कालीरावण स्थित निजी शिक्षण संस्थान के छात्र गांव नंगथला निवासी गुरमीत की सांसें अटक गई। गंभीर हालत में स्टाफ सदस्यों ने छात्र को कार में अग्रोहा मैडीकल कालेज पहुंचाया। जहां मैडीकल में चिकित्सकों ने छात्र को आक्सीजन दी और उपचार किया। चिकित्सकों के मुताबिक छात्र गुरमीत की हालत अब खतरे से बाहर है, जिसे बाद में छुट्टी दे दी गई।
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शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से करेगा परेशान
होली अस्पताल के डा.जयंत प्रकाश ने बताया कि स्मॉग बढऩे से आंखों में तो जलन हो ही रही है, इसके साथ ही एलर्जी, अस्थमा, आंख व सांस की भी परेशानी बढ़ रही है। स्मॉग शारीरिक रूप से तो बीमार बना ही रहा है साथ ही साथ चिड़चिड़ापन और बेचैनी भी बढ़ रही है।