हिसार

विद्यार्थी देश का भविष्य, देश विद्यार्थियों से और विद्यार्थी देश से : राज्यपाल

गुजविप्रौवि हिसार में विश्वविद्यालय की 25वीं वर्षगांठ पर हुआ ऑनलाइन व ऑफलाइन कार्यक्रम

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने की विश्वविद्यालय में अटल ट्रेनिंग एंड लर्निंग सैंटर स्थापित करने की घोषणा

हिसार,
हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा है कि विद्यार्थी देश का भविष्य होते हैं। देश विद्यार्थियों से है और विद्यार्थी देश से हैं। विद्यार्थियों को राष्ट्र, समाज, गुरु व माता-पिता के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य सोमवार को यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की 25वीं वर्षगांठ पर हुए रजत जयंती समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय तथा संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों, कर्मचारियों व विद्यार्थियों को मुख्यातिथि के रूप में ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस ऑफलाइन व ऑनलाइन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा व शैक्षणिक मामलों की अधिष्ठाता प्रो. ऊषा अरोड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। निदेशक क्षेत्रीय केन्द्र, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, चंडीगढ़, प्रो. आर.के. सोनी, प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे की धर्मपत्नी श्रीमती माधुरी सहस्रबुद्धे तथा प्रो. सुनीता श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय की 25 वर्षों की यात्रा से सम्बंधित एक स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने विश्वविद्यालय की 25 साल की यात्रा को शानदार बताया तथा कहा कि 25 साल के अल्पकाल में इस विश्वविद्यालय ने विशेषकर तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में जो छाप छोड़ी है वह अतुलनीय है। देश के 100 विश्वविद्यालयों तथा दुनिया के 1000 विश्वविद्यालयों में स्थान पाना विश्वविद्यालय की गौरवपूर्ण उपलब्धि का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने इस अवसर पर 15वीं शताब्दी के महान संत गुरु जम्भेश्वर जी महाराज को याद किया तथा कहा कि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम से स्थापित यह विश्वविद्यालय लगातार विकास की ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने इस अवसर पर हरियाणा में तेजी से हो रहे शैक्षणिक विकास का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा की स्थापना के समय जहां यहां केवल एक विश्वविद्यालय था, वहीं अब यह संख्या बढक़र 43 हो चुकी है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की प्राचीन शिक्षा व्यवस्था अत्यंत सुदृढ़ थी। 600 बीसी से 1200 एडी तक भारत में दुनिया के विश्वप्रसिद्ध विश्वविद्यालय तक्षिला और नालंदा थे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अगले कुछ सालों में दुनिया के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की 25 सालों की विकास यात्रा हैरान कर देने वाली विकास यात्रा है। इतने कम समय में इतनी अधिक उपलब्धि शायद ही कोई विश्वविद्यालय प्राप्त कर सके। उन्होंने विश्वविद्यालय के विभागों में इस दौरान किए गए अपने दौरे का जिक्र किया तथा कहा कि इस विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय आधारभूत ढांचा है।
प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को मिलकर और अधिक कार्य करना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की योजना के तहत अटल ट्रेनिंग एंड लर्निंग सेंटर स्थापित करने की घोषणा की तथा कहा कि यह केन्द्र शिक्षकों के लिए बहुत उपयोगी होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को अति उपयोगी शिक्षा नीति बताया तथा कहा कि वर्तमान समय में आंतर्विषयिक शोध की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे व प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय में 12 सुपर सी-टाइप व 18 सी-टाइप मकानों का शिलान्यास भी किया।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरियाणा ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को बचाते हुए आधुनिकता को प्राप्त किया है। नारी शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, यातायात आदि क्षेत्रों में इस प्रदेश ने आशातीत प्रगति की है। उन्होंने इस अवसर पर अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के बारे में बताया तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित होने वाली गतिविधियों, कार्यक्रमों व योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने भी विश्वविद्यालय की 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का जिक्र किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हमने इस विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने का सपना देखा था, यह सपना अब साकार होने लगा है। उन्होंने कहा कि सवाल रैंकिंग का नहीं है, हम हमेशा खुद को और अधिक बेहतर करने का प्रयास करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर हाल ही में विश्वविद्यालय को मिले पुरस्कारों तथा रैंकिंग का जिक्र किया तथा एक चार सूत्रीय कार्यक्रम की घोषणा की जिसमें उन्होंने लर्निंग आऊटकम, रिसर्च आऊटपुट, इनोवेशन तथा सोशल स्टेंडी को शामिल किया। उन्होंने बताया कि लॉकडाऊन काल में भी विश्वविद्यालय के चार पेटेंट हुए हैं।
कुलसचिव डा. अवनीश वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के कुशल नेतृत्व में यह विश्वविद्यालय लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्वविद्यालय के जीवन के 25 वर्ष जहां हमें गौरवान्वित कर रहे हैं, वहीं हमें नई जिम्मेदारियों का अहसास भी करवा रहे हैं। यह दिन हमारे लिए और अधिक जिम्मेदारी और ऊर्जा से कार्य करने का संकल्प लेने का दिन भी है।
शैक्षणिक मामलों की अधिष्ठाता प्रो. ऊषा अरोड़ा ने अपने स्वागत सम्बोधन में विश्वविद्यालय की 25 वर्ष की शैक्षणिक यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। शिक्षिका पल्लवी ने मंच संचालन किया। विद्यार्थियों ने सांस्कृति कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ल्सी के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद्, नई दिल्ली के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने विश्वविद्यालय के गुरु जंभेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान, फिजिक्स विभाग, सीआईएल लैब, पंडित दीनदयाल उपाध्याय कंप्यूटर एंड इन्फोरमेशन सैंटर, हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, बायो एंड नैनों तकनीक विभाग तथा चौ. रणबीर सिंह सभागार का दौरा किया। उन्होंने सभी विभागों की प्रशंसा की तथा विश्वविद्यालय के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस की हार्वर्ड स्कूल ऑफ बिजनेस के साथ तुलना की।

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