विभिन्न योजनाओं को परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया, जिला के 1.32 लाख परिवारों के परिवार पहचान पत्र अपडेट, 12 नवंबर तक शत-प्रतिशत परिवार पहचान पत्र बनाने का लक्ष्य
हिसार,
अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव ने कहा है कि परिवार पहचान पत्र का मकसद केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ बिना किसी परेशानी के पात्र लाभार्थी तक पहुंचाना है। परिवार पहचान पत्र के जरिए भ्रष्टाचार खत्म होगा और साथ ही लाभार्थियों को बेवजह योजनाओं का लाभ लेने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कुल मिलाकर परिवार पहचान पत्र का मकसद सुशासन की अवधारणा को सार्थक करते हुए व्यवस्था में बदलाव कर नागरिकों की समस्याओं को दूर करना है।
हिसार जिले में परिवार पहचान पत्र अपडेशन कार्य का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जिले के लगभग 3.95 लाख परिवारों में से 1.32 लाख परिवारों ने अपने परिवार पहचान पत्र अपडेट कर फार्म हस्ताक्षर प्रति के साथ अपलोड करवा दिये हैं, जो कुल परिवारों का लगभग 33 प्रतिशत है। अतिरिक्त उपायुक्त ने परिवार पहचान पत्र के कार्यों से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए समयावधि निर्धारित करते हुए निर्देश दिए कि आगामी 12 नवंबर तक जिला में परिवार पहचान पत्र के कार्यों को शत-प्रतिशत पूरा किया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि परिवार पहचान पत्र केवल गरीब परिवारों के लिए ही नहीं अपितु प्रत्येक परिवार के लिए आवश्यक है, जिन्हें या तो वर्तमान में या फिर अपने जीवन में कभी न कभी सरकारी योजना के लाभ की आवश्यकता पड़ेगी। बुढ़ापा पैंशन, विधवा पैंशन योजना और दिव्यांग पेंशन आदि के लाभ लेने के लिये परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। इसी प्रकार भविष्य में बेरोजगारी भता, हरियाणा में सरकारी व प्राईवेट नौकरी (उन परिवारों को वेटेज, जिनका कोई सदस्य नौकरी में नहीं है), पारिवारिक पैंशन, लाडली, विवाह शगुन योजना तथा राशन आबंटन में भी इसे आवश्यक किया जाना है। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र योजना के तहत हरियाणा में सभी परिवारों की मौलिक जानकारी का डिजिटल तौर पर संग्रहण होगा, जो पूरी तरह से गोपनीय और सुरक्षित होगी। सभी नागरिकों को 8 अंकों का पहचान नंबर जारी होगा। इससे नागरिकों को विभिन्न प्रकार के पहचान पत्र प्रमाण के रूप में दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, और ना ही उन्हें हर योजना के लिए अलग-अलग फार्म भरने की आवश्यकता होगी, किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र ही देना होगा। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि परिवार पहचान पत्र का उद्देश्य हरियाणा में सभी परिवारों का एक प्रामाणिक सत्यापित और विश्वसनीय डाटा बेस तैयार करना है। इसके साथ सभी कल्याणकारी योजनाओं को जोड़ा जाएगा ताकि हर परिवार को सभी सरकारी योजनाओं के लाभ विश्वसनीयता के साथ मिलता रहे।
एडीसी ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की बहुत योजनाएं होती है, सभी विभागों के पास अलग-अलग डाटा होता है लेकिन पात्र व्यक्ति को स्कीम का लाभ नहीं मिलता, डुप्लिकेसी बहुत होती है। सभी योजनाओं का लाभ योग्य व्यक्ति को मिले, तभी परिवार पहचान पत्र योजना को आरंभ किया गया, ताकि सभी परिवारों का एक ही डाटाबेस हो। उन्होंने लोगों से आह्वïान किया कि वे आगे आकर अपने-अपने पहचान पत्र बनवाएं। इसके लिए वे अपनी सीएससी सेंटरों का लाभ ले सकते हैं।