हिसार

अलविदा 2020! आदमपुर से होनहार समाजसेवी को निगल गया 2020

आदमपुर,
वर्ष 2020 में कोरोना वायरस ने काफी उत्पात मचाया। इसके उत्पात ने आदमपुर को भी काफी ​दर्द दिया। आदमपुर क्षेत्र में कोरोना वायरस का सबसे पहला शिकार गांव दड़ौली में मिला, लेकिन उस युवा ने योगा और आयुर्वेद के दम पर अग्रोहा केविड सेंटर में रहते हुए कोरोना को मात दी। लेकिन कोरोना के आतंक में आदमपुर क्षेत्र ने करीब दर्जन भर से ज्यादा लोगों को सदा के लिए खो दिया। कोरोना के कारण देवकी नंदन की पहली मौत हुई। इसके बाद एक—एक करके दर्जनभर से ज्यादा लोगों को कोरोना ने मौत के आगोश में भेज दिया।

कोरोना से मरने वालों से सबसे बड़ा झटका आदमपुर के प्रमुख समाजसेवी बलराम गोयल के निधन से लगा। माडल टाउन निवासी बलराम गोयल ने छोटी उम्र में अपनी अलग पहचान बना ली थी। लक्षमी कला मंडल में स्टेज संचालन करते हुए उन्होंने सबके दिल में अपनी जगह बनाई।

बाद में, भारत विकास परिषद से जुड़े। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने परिषद के प्रधान बने तो काफी महत्वपूर्ण कार्य किए। 11 अक्टूबर 2020 को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और कोरोना के संक्रमण से उनका निधन होना आदमपुर के लिए काफी दुखदायी रहा।

इससे पहले 4 अक्टूबर 2020 को करीब 42 वर्षीय पवन बाकोलिया की कोरोना से मौत हो गई। अल्पायु में ही पवन बाकोलिया ने आदमपुर में शिक्षा क्षेत्र में अपना काफी योगदान दिया। वे रविदास नगर स्थित बाबा रामदेव मंदिर के प्रधान थे। 26 सितम्बर 2020 को अचानक बुखार आने पर परिजनों ने उन्हें हिसार के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया। इसके बाद पवन बाकोलिया की रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई। गंभीर हालत के चलते उन्हें रोहतक रैफर कर दिया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।

गौरतलब है कि पवन बाकोलिया आदमपुर की जवाहर नगर ग्राम पंचायत से सरपंच पद के लिए जनसम्पर्क अभियान चलाए हुए थे। सीट आरक्षित होने के बाद से ही वे जवाहर नगर में मतदाताओं से सम्पर्क बनाने में जुटे हुए थे। इसके अलावा कालेज रोड पर पिछले करीब 15 सालों से प्राइवेट स्कूल भी चला रहे थे।
इस प्रकार आदमपुर के होनहार युवाओं की कोरोना संक्रमण से मौत के चलते वर्ष 2020 काफी दुखद यादें छोड़ गया है, जिसकी पूर्ति करना असंभव है।

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