चंडीगढ़,
हरियाणा में 10वीं-12वीं के एडमिशन में अब फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HSEB) ने इसके लिए फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। बोर्ड से संबंधित सभी स्कूलों को एचएसईबी की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि स्टूडेंट जरूरी वैध कारण होने पर ही स्कूल बदलकर 10वी और 12वीं कक्षाओं में एडमिशन ले पाएंगे। साथ ही ऐसे स्टूडेंट की जानकारी स्कूलों को एडमिशन प्रक्रिया के एक माह के भीतर देनी होगी।
हरियाणा में हर साल हजारों की संख्या में 10वीं-12वीं क्लास में स्टूडेंट्स सीधे एडमिशन लेते हैं और बोर्ड एग्जाम में शामिल होते हैं। इसमें काफी स्टूडेंट ऐसे होते हैं जो रेगुलर पढ़ाई नहीं करते हैं। वह अपने गैप ईयर को भरने के लिए दूसरे राज्यों से फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (SLC) ले आते हैं और सूबे के स्कूलों में सीधे एडमिशन ले लेते हैं। एडमिशन के इस फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बोर्ड ने यह सख्त फैसला लिया है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने 2022 में 142 स्कूलों के 6 हजार स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोक दिया था। इन मामलों की जब बोर्ड की ओर से स्टूडेंट्स के स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (SLC) की जांच की गई तो 867 फर्जी मामले पकड़े गए। 2582 ऐसे स्टूडेंट्स थे जिन्होंने अपनी SLC तक अपलोड नहीं की थी। 12वीं के 39 स्टूडेंट्स ने आवेदन में फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे और 10वीं के 477 स्टूडेंट्स ने ऐसा किया था।
फर्जी सर्टिफिकेट और SLC बनाने का गिरोह देश के 8 राज्यों में सक्रिय है। इनमें उत्तर प्रदेश (UP), राजस्थान, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड, गुजरात, बिहार और मध्य प्रदेश (MP) शामिल है। इसका खुलासा दो सालों में पकड़े गए फर्जी सर्टिफिकेट और SLC की जांच में हुआ है। बोर्ड की ओर से इन मामलों में कई FIR दर्ज करवाई गई है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने फर्जी SLC के जरिए 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को हरियाणा ओपन में मौका दिया है। स्टूडेंट्स का भविष्य खराब न हो इसके लिए बोर्ड की ओर से यह फैसला लिया गया है। स्टूडेंट्स हरियाणा ओपन में आवेदन कर 10वीं और 12वीं की परीक्षा दे सकते हैं।