हिसार,
फेमस नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक गर्ग ने जहर खाकर सुसाइड कर लिया। वे लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे। आजाद नगर पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए नागरिक अस्पताल में भेजा है। बताया जा रहा है कि मृतक डॉ. गर्ग पर करोड़ों रुपए का कर्ज था। कुछ लोगों ने चैक बाउंस होने पर कोर्ट में केस भी किए हुए थे।
डाबड़ा चौक तोशाम रोड़ स्थित गर्ग आई रिसर्च सेंटर के संचालक डा.अशोक गर्ग पर साल 2019 में धोखाधड़ी सहित कुछ अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया था। आइसीआइसीआइ बैंक की दिल्ली शाखा के मैनेजर रवि किरण गर्ग की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। मामले के अनुसार डॉ. अशोक गर्ग ने अपने आई सेंटर के भवन के नाम पर बैंक से लोन लिया था। जिस भवन पर उन्होंने लोन लिया उसे वह पहले ही बेच चुका था।
बैंक अधिकारियों से मिलीभगत कर फ्रॉड तरीके से लोन लिया गया। पुलिस की एसआइटी ने इस मामले में जांच की। जांच के बाद डॉ. अशोक गर्ग को वर्ष 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी।
जानकारी के अनुसार डॉ. अशोक गर्ग पर काफी लोग पैसा वापस नहीं मिलने के बाद चेक बाउंस के केस को लेकर कोर्ट पहुंचे थे। जिनमें कई मामलों में डॉ. अशोक गर्ग केस हार चुके थे। करीब तीन साल से कर्ज के कारण परेशान चल रहे थे।