फतेहाबाद

चिंदड़ के बेटे ने बढ़ाया फतेहाबाद का मान, बने असम के एडीजीपी

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
निकटवर्ती गांव चिंदड़ के डा.एलआर बिश्नोई असम पुलिस में एडीजीपी (प्रशासन) बन गए हैं। इससे गांव में खुशी का माहौल है। अब उनके भाई गांव में ही रहते हैं। उन्होंने लड्डू बांट कर खुशी जाहिर की। डा.एलआर बिश्नोई 1991 में आईपीएस बने थे। उसके बाद विभिन्न कैडर में रहते हुए देश व समाज की सेवा की। अब वे असम पुलिस में एडीजीपी बने हैं।

डा. एलआर बिश्नोई यानी लज्जाराम बिश्नोई ने गांव चिंदड़ से प्राथमिक शिक्षा हासिल करने के बाद 10वीं गांव बड़ोपल से पास की। इसके बाद हिसार स्थित एचएयू से वेटनरी सर्जन की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी होने के बाद पशुपालन विभाग में कुछ समय के लिए नौकरी की। बाद में नौकरी छोड़कर एयरफोर्स ज्वाइन की। हालांकि वे यूपीएससी की तैयारी करते रहे। उन्होंने एचसीएस व यूपीएससी की परीक्षा साथ में पास की। इसके बाद उन्होंने यूपीएससी ज्वाइन की।

असम के एडीजीपी बने डा. एलआर बिश्नोई गांव चिंदड़ में दो बार आते हैं। पर्यावरण प्रेमी होने के साथ युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि गांव में आने के बाद सुबह व शाम को स्टेडियम में जरूर आते हैं। उनके भतीजे पवन कुमार मांझू ने बताया कि इस बार कोरोना काल होने के चलते वे नहीं आए। अन्यथा परिवार की हर कार्यक्रम में तो आते ही है। इसके अलावा गर्मियों व सर्दियों में दो बार वे अवश्य गांव आकर सभी से मिलकर जाते हैं।

एडीजीपी डा. एलआर बिश्नोई के बहनाेई जगदीश राहड़ ने बताया कि लज्जाराम आठ भाई-बहन थे। उनके भाई रूलीराम व रामकुमार का परिवार अब भी गांव में रहता है। जो खेती बाड़ी करते है। एक अन्य भाई मक्खन सिंह मांझू जो हिसार रहते है। गत वर्ष वे प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुए है। उन्होंने बताया कि उनके गांव ही नहीं क्षेत्र से पहले एक व्यक्ति है जो इस पद पर पहुंचे हैं।

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