धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—262

पुराने समय में एक शिष्य ने अपने गुरु से कहा कि मुझे जल्दी से जल्दी सफलता चाहिए। कोई ऐसा तरीका बताएं, जिससे हर समस्या हल हो सकती है।

गुरु ने शिष्य से कहा कि ठीक है मैं एक ऐसा तरीका बता दूंगा, जिससे सारी दिक्कतें दूर की जा सकती हैं। लेकिन, पहले तुम मेरी बकरी को खूंटे से बांध दो। गुरु ने बकरी की रस्सी शिष्य के हाथ में पकड़ा दी। बकरी किसी से भी आसानी से काबू में नहीं आती थी।

शिष्य ने जैसे ही बकरी को खूंटे से बांधने लगा, वह उछल-कूद करने लगी। बहुत कोशिश करने के बाद भी बकरी काबू में नहीं आ रही थी। तब शिष्य ने चतुरता से उसे पकड़ा और उसके पैर रस्सी से बांध दिए। इसके बाद शिष्य ने बकरी को खूंटे से आराम से बांध दिया।

गुरु ये सब देख रहे थे। शिष्य की बुद्धिमानी देखकर गुरु प्रसन्न हो गए। गुरु ने कहा कि ठीक इसी तरह किसी भी समस्या की जड़ को पकड़ लेने से बड़ी से बड़ी समस्या बहुत ही आसानी से हल हो सकती है। यही सफलता का मूल मंत्र है।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, विपरीत परिस्थितियों में भी हमें बुद्धिमानी से ही काम करना चाहिए। धैर्य बनाए रखें और सोच-समझकर आगे बढ़ें। सबसे पहले समस्या की जड़ को समझें और फिर उसे हल करने की योजना बनाएं। तभी सफलता मिल सकती है।

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