धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 353

बहुत समय पहले की बात है, एक राज्य था जिसका नाम आनंदपुर था। इस राज्य के राजा का नाम राजा वीरेंद्र था। राजा वीरेंद्र बहुत ही बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा थे। उनके राज्य में सभी लोग बहुत खुश थे और राज्य में शांति और समृद्धि थी। राजा वीरेंद्र के पास एक चतुर मंत्री था जिसका नाम था राजकुमार। राजकुमार बहुत ही समझदार और ईमानदार व्यक्ति था और राजा का सबसे भरोसेमंद सलाहकार था।

राजा वीरेंद्र और राजकुमार की जोड़ी ने राज्य को बहुत ही सफलतापूर्वक चलाया। एक दिन, राजा वीरेंद्र ने राजकुमार से कहा, “हमारे राज्य में सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है, लेकिन मुझे हमेशा यह चिंता रहती है कि कहीं कोई हमारे राज्य को नुकसान न पहुंचाए। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और राज्य की सुरक्षा के लिए नई योजनाएं बनानी चाहिए।”

राजकुमार ने राजा की बात मानी और राज्य की सुरक्षा को और भी मजबूत करने के लिए नई योजनाएं बनाने लगा। उसने राज्य की सीमाओं पर सुरक्षा बलों को बढ़ा दिया और राज्य के अंदरूनी हिस्सों में भी सुरक्षा की व्यवस्था की। राजकुमार ने राज्य के लोगों को भी सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक किया और उन्हें सिखाया कि कैसे वे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

एक दिन, राज्य में एक अजीब घटना घटी। राज्य के मुख्य बाजार में एक व्यापारी ने शिकायत की कि उसके सारे सोने के सिक्के चोरी हो गए हैं। यह सुनकर राजा वीरेंद्र और राजकुमार बहुत चिंतित हुए। राजा ने तुरंत राजकुमार को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया।

राजकुमार ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। उसने बाजार के सभी दुकानदारों और ग्राहकों से पूछताछ की, लेकिन उसे कोई सुराग नहीं मिला। तब राजकुमार ने एक चतुर योजना बनाई। उसने घोषणा की कि अगले दिन सभी राज्य के लोगों को राजा के दरबार में आना होगा और एक विशेष जांच की जाएगी। यह घोषणा सुनकर सभी लोग दरबार में एकत्रित हो गए।

राजकुमार ने सभी लोगों को एक-एक करके दरबार में बुलाया और उनसे कुछ सवाल पूछे। सवाल पूछने से पहले राजकुमार ने सभी से कहा, “तुम्हें सच बताना होगा, क्योंकि जो भी झूठ बोलेगा, उसकी पहचान यहां लगे विशेष यंत्रों से हो जाएगी। राजा का आदेश है कि जो यंत्रों के परीक्षण से पहले सच में चोरी को कबूल कर लेगा उसे छोड़ दिया जायेगा और यदि जांच से पहले वह झूठ बोलता है और यंत्रों में वह गुनाहगार साबित होता है जो उसे भारी दंड दिया जायेगा ” यह सुनकर सभी एक—एक करके चलते रहे लेकिन एक व्यक्ति घबरा गया और उसने स्वीकार किया कि वही चोर था। राजकुमार की चतुर योजना ने चोर को पकड़ने में मदद की और राज्य के लोगों ने उसकी बुद्धिमानी की तारीफ की।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, बुद्धिमानी से सब समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। संसार में सभी समस्याओं का हल निकालने की बृद्धि ईश्वर ने इंसान को दी है। अपनी बुद्धि का प्रयोग कौन किस प्रकार से करता है—यह हम पर निर्भर करता है। बुद्धि का इस्तेमाल आपकी संगत पर निर्भर करता है। ऐसे में सदा सुसंगत में रहो।

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