श्रीकृष्ण की बाल लीलाएँ मैनेजमेंट के लिए कई सीख देती हैं, जैसे कि नेतृत्व, लचीलापन, और समस्या समाधान। उनकी लीलाएँ हमें सिखाती हैं कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों में भी शांत और दृढ़ रहना है। जब इंद्रदेव ने ब्रज में भारी बारिश की, तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी को बचाया, जो एक नेतृत्व क्षमता का उदाहरण है। यह बात प्रणामी मिशन के प्रमुख संत स्वामी सदानंद जी महाराज ने लाल लखीराम धर्मशाला में वरुण गर्ग द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत व श्रीकृष्ण कथा के दौरान श्रद्धालुओं को प्रवचन के दौरान कही।
कालिया नाग लीला की कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा जब श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को शांत किया, तो उन्होंने अपनी शक्ति और साहस का प्रदर्शन किया। इसी प्रकार श्रीकृष्ण ने नटखट लीलाएँ करके मानव को संदेश दिया कि कैसे चुनौतियों का सामना करने के लिए लचीला रहना चाहिए। श्रीकृष्ण ने राक्षसी पूतना के वध करके दिखाया कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों में भी दृढ़ रहना चाहिए। प्रणामी महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला में एक उद्देश्य छुपा हुआ है। श्रीकृष्ण ने गोपिकाओं को कंस के अत्याचार से बचाया, जो एक समस्या समाधान का उदाहरण है। वस्त्र हरण लीला के माध्यम से नारी शक्ति को संदेश दिया कि कभी भी विश्वास करके अपनी सीमाओं का उलंघन नहीं करना चाहिए। नारी को हर समय सतर्क और सजग रहना चाहिए।
रुकमणि मंगल की कथा का पान करवाते हुए उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने प्रेम को सबसे ज्यादा महत्व देते हुए इस लीला के माध्यम से संदेश दिया कि अन्याय का सामना सहास से करते हुए प्रेम को उचित स्थान देना चाहिए। नरकासुर की कैद से 16 हजार कन्याओं को मुक्त करवाकर उन्हें अपना नाम देकर श्रीकृष्ण ने समाज को संदेश दिया कि करुणा और दया से बढ़कर कुछ नहीं है। स्वामी सदानंद महाराज ने कहा कि श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला मानवता के कल्याण के लिए है। इस दौरान प्रख्यात विद्वान रवि शास्त्री व आशुकवि पवन तिवारी ने सुंदर भजनों व प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्ति मार्ग पर चलने का संदेश दिया।