एक दुखी व्यक्ति की लोक कथा है। पुराने समय में एक व्यक्ति अपने जीवन से परेशान था। उसके जीवन में समस्याओं का आना-जाना लगा रहता है। आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह और भविष्य की चिंता ने उसे अशांत कर दिया था। वह सुबह उठता तो चिंता के साथ और रात को सोता तो उदासी के साथ। उसके चेहरे पर हमेशा निराशा दिखाई देती थी।
एक दिन दुखी व्यक्ति के गांव में एक संत पहुंचे। कुछ ही दिनों में गांव ने ये बात फैल गई कि संत के पास जीवन की हर उलझन का समाधान है। ये सुनकर वह व्यक्ति भी संत के पास पहुंचा। वहां पहले से ही बहुत लोग अपनी-अपनी परेशानियां बता रहे थे। जब युवक की बारी आई, तो उसने हाथ जोड़कर कहा, महाराज, मैं बहुत परेशान हो चुका हूं। कृपया कोई ऐसा उपाय बताइए, जिससे मेरी सारी परेशानियां समाप्त हो जाएं और मैं सुखी हो जाऊं।
युवक की बात सुनकर संत बोले कि मैं तुम्हें उपाय जरूर बताऊंगा, लेकिन उससे पहले तुम्हें मेरा एक काम करना होगा।
व्यक्ति ने कहा कि आप जो कहेंगे, मैं करने के लिए तैयार हूं।
संत ने कहा कि आज रात तुम्हें मेरी गोशाला में गायों की देखभाल करनी है। जब सभी गाय सो जाएं, तब तुम भी सो जाना।
उस व्यक्ति को ये काम बहुत सरल लगा और वह गोशाला चला गया। रात होते ही उसने देखा कि एक गाय लेटती है, तो दूसरी खड़ी हो जाती है। जब वह दूसरी को शांत करता, तब तीसरी उठ जाती है। पूरी रात यही सिलसिला चलता रहा। परिणामस्वरूप युवक एक पल के लिए भी चैन से सो नहीं सका।
सुबह होते ही वह थका-हारा संत के पास पहुंचा। संत ने पूछा कि बताओ, नींद कैसी आई?
व्यक्ति ने कहा कि महाराज, मैं तो पूरी रात सो ही नहीं सका। गायें कभी एक साथ नहीं सोईं।
संत ने कहा कि भाई यही जीवन का सत्य है। हमारी परेशानियां भी इन गायों की तरह ही हैं। वे कभी एक साथ शांत नहीं होती हैं। एक समस्या सुलझती है, तो दूसरी सामने आ जाती है। इसलिए जीवन का उद्देश्य परेशानियों से भागना नहीं, बल्कि उनका साहसपूर्वक सामना करना है।
व्यक्ति को संत की बातों से जीवन का रहस्य समझ आ गया और उसकी सोच बदल गई, इसके बाद उसके जीवन से निराशा दूर हो गई और वह सकारात्मकता के साथ रहने लगा।
धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, जीवन में कभी ऐसा समय नहीं आता, जब सभी परेशानियां समाप्त हो जाएं। इस सत्य स्वीकार करने से मानसिक दबाव कम होता है और हम यथार्थवादी बनते हैं। समस्याओं को जीवन का हिस्सा समझेंगे तो मन शांत रहेगा। सभी समस्याओं को एक साथ सुलझाने की कोशिश तनाव बढ़ाती है। प्राथमिकता तय करें और एक-एक समस्या पर फोकस करें।








