हिंदवान में श्रीमद् भागवत कथा जारी
हिसार,
सत्संग मानव के अच्छे चरित्र का प्रतिष्ठान, दुकान, शोरूम होता है जहां व्यक्ति के अच्छे चरित्र का निर्माण होता है। साथ ही उसका व उसके परिवार का उद्धार भी होता है। इसलिए हमें सत्संग की घड़ी को छोडऩा नहीं चाहिए। प्रतिदिन सत्संग अवश्य सुनना चाहिए व उसे ग्रहण कर उस पर अमल करना चहिए। अच्छा चरित्र समाज के लोग खुद ब खुद बना देंगे। उक्त उद्गार कथा व्यास परम श्रद्धेय साध्वी शक्तिपुरी महाराज ने निकटवर्ती गांव हिंदवान में नव निर्माणाधीन गौ सेवार्थ गौशाला के प्रांगण में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच व्यक्त किए।
श्री भागवत कथा से पूर्व ठेकेदार मलकीत सिंह, अनिल राजलीवाला, पूर्व सरपंच रामकुमार झाझडिय़ा, अजय कोच, मास्टर हरिसिंह व कुलदीप रेपसवाल ने दीप प्रज्जवलित किया। साध्वी श्री शक्ति पुरी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा में सत्संग की महिमा के साथ-साथ ध्रुव, प्रहलाद प्रसंग की विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि प्रहलाद व ध्रुव ने अनेक कष्ट सहन करके भक्ति तप किया। कष्टों के बाद भी वे विचलित नहीं हुए और उनकी भक्ति से उन्हें परम पद की प्राप्ति हुई। आज तो हम तरह से संपन्न हैं और भक्ति में हमें कोई कष्ट भी नहीं सहने और अच्छे से प्रभु की भक्ति कर सकते हैं। इसलिए हमें प्रभु भक्ति के लिए अवश्य समय निकालकर अपने जीवन को धन्य करना चाहिए।
साध्वी श्री शक्ति पुरी, महंत सुखदेवानंद महाराज, साध्वी कमलानंद महाराज व पंडित सुशीलाचार्य ने सुंदर भजनों ‘मेरी लगी श्याम से प्रीत ये दुनिया क्या जाने’, ‘जो देना जाने है वह लेना भी जाने है’, ‘भजले हरि का नाम ये अमृत है’, ‘लागी लगन मत तोडऩा, हरी जी मेरी लागी लगन मत तोडऩा’, ‘काला-काला कहवै गुजरी’ इतयादि भजनों से मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम के उपरांत आरती हुई व सभी ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर साधु राम सरपंच, रामप्रताप प्रधान, प्राचार्य सतबीर सिंह वर्मा, महाबीर प्रसाद, रणधीर सिंह, सतीश रेपश वाल, पूर्व सरपंच पृथ्वी सिंह, रत्न सिंह दादरवाल, जयवीर, विनोद खरडिय़ा, जिले सिंह, भूप सिंह के अलावा गांववासी मौजूद थे।