आदमपुर,
आदमपुर क्षेत्र में इस बार कोरोना काफी तेजी से बढ़ रहा है। हैरत तो यह है कि इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना ने ज्यादा पैर पसारे हैं। गांव की शुद्ध हवा में कोरोना के फैलाव के बारे में पड़ताल की गई तो चैकान्ने वाली बात सामने आई। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को इस बार होम आइसोलेट किया गया है। इनमें से अधिकतर ऐसे मरीज ऐसे है जिनके घर में 2 कमरे है और शौचालय एक ही है। ऐसे में ये मरीज पूरे परिवार को संक्रमण दे रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीज घरों में टिक कर नहीं बैठ रहे। वे लगातार गांवों में घुम रहे हैं। इतना ही नहीं वे फसल को लेकर आनाज मंडी में भी जा रहा है।
इस बारे में नाम न छापने की शर्त पर स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि स्वास्थ विभाग के कर्मचारी जब कोरोना मरीजों के घरों में जाते हैं तो वे घर पर नहीं मिलते। इतना ही नहीं जब फोन करके उनकी लोकेशन जानने की कोशिश करते हैं तो भ्रमित करने लगते हैं। कई बार तो वे गुस्से में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके फोन तक काट देते हैं। उन्होंने कहा कि बिना लक्षण वाले कोरोना पाॅजिटिव मरीज काफी बड़ा सिरदर्द बन चुके हैं। उन्हें समझाना और घर पर रोक कर रखना काफी मुश्किल होता जा रहा है।
बता दें, 20 अप्रैल को आदमपुर के बगला में एक 55 वर्षीय महिला ने कोरोना संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया। वहीं ढ़ाणी मोहब्बतपुर, मोहब्ब्तपुर, सीसवाल, ढ़ाणी सीसवाल व मोड़ाखेड़ा ऐसे गांव है जहां काफी संख्या में कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। ऐसे में यदि सरकार और प्रशासन ने होम आइसोलेट मरीजों को लेकर सख्ती से काम नहीं लिया तो यह संक्रमण क्षेत्र में काफी विकराल रुप धारण कर सकता है। इसके साथ ही सरकार और प्रशासन को कोरोना संक्रमित की पहचान सार्वजनिक करनी चाहिए ताकि लोग संक्रमित व्यक्ति से स्वयं दूरी बना सके। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह संक्रमण आदमपुर क्षेत्र में काफी खौफनाक चेहरा दिखा सकता है।