हिसार

लॉकडाउन..धारा 144 के बीच भाजपा का धरना, प्रशासन बना गंधारी

हिसार,
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश की तर्ज पर पूरे जिले में लॉकडाउन चल रहा है और धारा 144 लगी हुई है। बिना जरुरी काम के लोगों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। घर से बाहर निकलने वालों का चालान काटा जा रहा है।
लेकिन लगता है सरकार का लॉकडाउन और धारा 144 केवल आमजन के लिए काम करती है। भाजपा नेता इन आदेशों से परे है। उन पर प्रदेश के नियमों और कानून को लागू नहीं किया जा सकता। यदि आपको इसमें संदेह है तो आप परिजात चौक की तस्वीर को देखें। लॉकडाउन और धारा 144 के बीच भाजपा नेताओं ने परिजात चौक पर धरना दिया।

परिजात चौक पर सोशल डिस्टेंसिंग को भूल गए भाजपा के सीनियर नेता।

फोटो में दिखाई दे रहा है कि नेताओं ने धरने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का कितना अधिक ध्यान रखा है। धरने में बैठे इन नेताओं में 2 तो विधायक, 1 राज्यसभा सांसद और एक पूर्व चैयरमेन है। जब सांसद और विधायक स्तर के नेता सरकार के नियम और कानून को नहीं मान रहे तो आमजन के लिए इतनी पाबंधियां सरकार ने क्यों लगा रखी है। क्या हिसार प्रशासन में इतनी हिम्मत है कि वे धरने में शामिल नेताओं और कार्यकर्ताओं पर कानूनी कार्रवाई कर सके। यदि इन नेताओं के धरने से सरकार और प्रशासन को ऐतराज नहीं है तो आमजन की रोजी—रोटी बंद करवाकर उसे क्या हासिल हो रहा है।
बता दें, परिजात चौक पर पुलिस प्रशासन 24 घंटे तैनात रहता है। जहां धरना लगाया गया है उसके ठीक सामने पुलिस ने अस्थाई विश्रामकक्ष बना रखा है। यहां हर पल 3 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रहती है। ऐसे में भाजपा नेताओं का धरना लगना और प्रशासन का इस तरफ न देखना साफ करता है कि हिसार प्रशासन सत्ता के भय से आंखों पर पट्टी बांधकर गंधारी बन गया।
गृहमंत्री अनिल विज लगातार लॉकडाउन को सख्त करने के निर्देश प्रशासन को दे रहे हैं। क्या गृहमंत्री इन नेताओं के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के आदेश देंगे। यदि इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं होती है तो ये काफी शर्मनाक होगा। इससे साबित होगा कि प्रदेश में आमजन के लिए नियम अलग है और नेताओं के लिए अलग। यानि एक प्रदेश में 2 विधान काम कर रहे हैं।

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