हरियाणा हिसार

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जल्द होंगे पैरोल पर रिहा—जागी उम्मीद, जानें क्या बोले जेल मंत्री और वरिष्ठ वकील

हिसार,
डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह द्वारा अब एक बार फिर से जेल से पैरोल की अर्जी लगाई गई है। डेरा प्रमुख ने अपनी बीमार मां की देखभाल करने को लेकर रोहतक की सुनारिया जेल प्रशासन को चिट्ठी लिखी है। जेल मैन्यूल के अनुसार अब एक बार फिर से जेल प्रशासन की ओर से सिरसा पुलिस विभाग को इस बारे में पत्र लिखा गया है कि डेरा प्रमुख को पैरोल देने में कहीं कानून व्यवस्था की दिक्कत तो नहीं पेश आएगी?

मिली जानकारी के अनुसार अभी तक सिरसा पुलिस विभाग की ओर से जेल विभाग को इस संबंध में जवाब नहीं भेजा गया है और ऐसी उम्मीद है कि अगले एकाध दिन में पुलिस विभाग इस प्रक्रिया को अमल में ला सकता है और ऐसी संभावना है कि डेरा प्रमुख की पैरोल पर जल्द ही फैसला हो सकता है। डेरा प्रमुख द्वारा जेल प्रशासन से अपनी मां से मिलने के लिए दूसरी बार पैरोल मांगी गई है। पैरोल के लिए लिखी अपनी चिट्ठी के साथ डेरा प्रमुख ने कुछ जरूरी दस्तावेज भी सलंग्र किए हैं। बताया गया है कि डेरा प्रमुख की मां इस समय सिरसा के डेरा सच्चा सौदा मुख्यालय में हैं। पिछले साल जब वे गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन थी तब उनसे मिलने के लिए डेरा प्रमुख को जेल प्रशासन के अधिकारी कड़ी सुरक्षा के बीच एक दिन की पैरोल पर गुरुग्राम ले गए थे।

पैरोल लेना का संवैधानिक हक—ए.पी. सिंह
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील डा.ए.पी.सिंह का कहना है कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पिछले करीब पौने चार वर्ष से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। उनको 20 साल की सजा हुई है। उनको संवैधानिक अधिकार है कि पैरोल लेकर अपनी बीमार मां की सेवा करे। उनका कोई अपराधिक इतिहास नहीं है। वे कोई आदतन या बड़े अपराधी नहीं है। वे शांति प्रिय आदमी है। अंहिसा का पालन करते हैं। हरियाणा के स्थाई नागरिक है। पौने चार सालों में उनका जेल में व्यवहार काफी शालीन रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी काल में बड़े अपराधियों को भी पैरोल दिलवाई है। इसलिए उनको हरियाणा सरकार को पैरोल देनी चाहिए। सिरसा प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। उनसे समाज को कोई खतरा नहीं है। वो स्वयं बिमार है। उनकी माता भी बिमार है। वे मानवता के लिए काम करते आ रहे हैं। ऐसे में उनको पैरोल दी जानी चाहिए।

नियमानुसार कोई भी कैदी मांग सकता है पैरोल: रणजीत सिंह
इस सिलसिले में राज्य के जेल मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने कहा कि जेल के जो नियम हैं उनके अनुसार कोई भी व्यक्ति जेल प्रशासन को पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है। उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक को यह अधिकार है कि वे संबंधित जिला प्रशासन और पुलिस अधीक्षक को इस संदर्भ में अपने स्तर पर लिख सकता है कि संबंधित कैदी को पैरोल दिए जाने पर किसी प्रकार की कानून व्यवस्था की किसी प्रकार की दिक्कत पैदा तो नहीं होगी, यदि इस बारे कोई दिक्कत जैसी बात न हो और जेल मैन्यूअल अनुसार पैरोल दी जा सकती हो तो यह हर कैदी का हक है और ऐसा ही नियम डेरा प्रमुख पर भी लागू हो सकता है।

अक्तूबर में मिली थी एक दिन की पैरोल
डेरा प्रमुख राम रहीम को पिछले साल अक्तूबर माह में एक दिन की पैरोल दी गई थी। उस समय कड़ी सुरक्षा के बीच डेरा प्रमुख को गुरुग्राम में ले जाया गया था। इस मामले को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। जेल प्रशासन के कुछ उच्च अधिकारियों के अलावा हरियाणा सरकार के आला अफसर व संबंधित मंत्री इससे अवगत थे। जेल प्रशासन की ओर से डेरा प्रमुख को उस समय एक दिन के लिए दी गई पैरोल और उसकी जानकारी को गोपनीय रखे जाने पर कई सामाजिक संगठनों ने जेल प्रशासन की भूमिका पर सवाल भी खड़े किए थे।

पौने चार साल से हैं जेल में बंद
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पिछले करीब पौने चार साल से सुनारिया जेल में बंद है। उन्हें 25 अगस्त 2017 को साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की विशेष सी.बी.आई. अदालत ने दोषी करार दिया था। 28 अगस्त 2017 को उन्हें इस मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई।

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