चंडीगढ़,
हरियाणा में महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) आगे बढ़ाया जाएगा या सख्त कायदे कानूनों के साथ नियमों को ढिलाई दी जाएगी, इसका निर्धारण कल (रविवार) को होगा। महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) के इम्पेक्ट हरियाणा में नजर आने लगे हैं। तीन सप्ताह पूर्व जब लॉकडाउन शुरु किया गया तब 16 हजार मरीज प्रतिदिन कोरोना पॉजिटिव मिल रहे थे। यह आंकड़ा 3 हफ़्तों में अब 5 हजार के करीब रह चुका है। तीन सप्ताह पूर्व अस्पतालों में बेड्स व ऑक्सीजन की भारी दिक्कत थी। आज हरियाणा में नॉन ऑक्सीजन के 12 हजार 350, ऑक्सीजन के 7495 बेड्स खाली पड़े हैं। इसके इलावा आई सी यू के 873 बेड्स, वेंटीलेटर-304 खाली पड़े हैं। जो भारी राहत की खबर है। हरियाणा में एक्टिव केसिस तीन सप्ताह में प्रतिदिन 1 लाख 8 हजार से 54 हजार पर जा पहुंची है।
महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) में हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इम्पेक्ट स्पष्ट रूप नजर आ रहा है। अनिल विज ने हरियाणा में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव के मामलों को देख कर ही शुरू में लॉकडाउन की वकालत की। मजबूरी यह थी कि प्रतिदिन मिलते पॉजिटिव केसिस का बढ़ता आंकड़ा व मृत्यु दर। सूत्रों के अनुसार अनिल विज के इस स्टैंड के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राय व समर्थन भी रहा। ताकि जनता को बचाया जा सके।
महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) निरंतर जारी रहेगा या नहीं इसके संशय का कारण भी अभी यहीं माना जा रहा है कि सत्ता से जुड़े नेताओं का इस बार स्टैंड क्या रहेगा इस पर सबकी निगाहें हैं। महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) के दौरान इसके सार्थक परिणाम आने से सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भी पूरा मूल्यांकन किय्या जा रहा है।शराब के ठेके बन्द होने से राजस्व की कमी,रोडवेज व कई विभागों की व्यवस्थाएं चर मरा कर रह गई है। हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे शब्दों की जान है तो जहान है के फार्मूले को आगे बढ़ाती है व महामारी अलर्ट सुरक्षित हरियाणा (लॉकडाउन) आगे ले जाती है या आर्थिक व्यवस्थायों व नेता जी के प्रेशर को मानती है का विषय राजनैतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।