चंडीगढ़,
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि लुटेरों के गठबंधन वाली हरियाणा सरकार किसी प्रकार की गलतफहमी में न रहे। कोरोना की बीमारी पर काबू पाने के बजाय किसानों को बार-बार उकसाने के जो घटिया पैंतरे वह अपना रही है, इन्हें बंद करे। सरकार कई बार किसानों के ऊपर बेवजह लाठीचार्ज कर चुकी है। हिसार में किसानों व महिलाओं को लाठियां मारी गईं। इतने में भी इनको सब्र नहीं पड़ा तो किसानों पर मुकदमें दर्ज कर दिए, फिर जब वहां लाखों किसान इकट्ठा हुए तो इन्होंने केस वापस लिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में सरकार जानबूझकर किसानों को इकट्ठा होने पर मजबूर कर रही है। पूरे देश में जब काले कानूनों के 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाया जा रहा था, तब भी इन्होंने जानबूझकर किसानों को परेशान किया। ये लोग बार-बार हरियाणा के किसानों को टारगेट कर रहे हैं। खासकर सिरसा में जो किसानों पर केस दर्ज किए हैं। केसों के जरिए ये बार-बार किसानों को उकसा रहे हैं। मैं सरकार को कहना चाहता हूं कि अगर ये मुकदमें वापस नहीं लेते हैं तो हिसार से भी बड़ी संख्या में लोग सिरसा पहुंचेंगे। हिसार में तो ट्रेलर भर था, सिरसा में पूरी फिल्म दिखा दी जाएगी।
अभय चौटाला ने कहा कि पहले थूक दो और फिर उसे चाट लो, इस सरकार की यह आदत बन गई है। सरकार को सिरसा में किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें तुरंत वापस लेने होंगे। वरना सरकार का सिरसा में आना तो दूर सिरसा की तरफ मुंह करके सोना भी मुश्किल हो जाएगा। किसानों को बर्बाद करने वाली सरकार को चैन से सोने नहीं देंगे। हरियाणा को दबाने की सारी कोशिश नाकाम कर देंगे। इस तरह के फर्जी मुकदमों से सरकार किसानों को डरा नहीं सकती। जब तक तीन काले कानून वापस नहीं होंगे और किसानों की मांगों को केंद्र सरकार नहीं मानती है, तब तक किसान आंदोलन करते रहेंगे और सरकार के सारे हथकंड़ों का कड़ा जवाब देते रहेंगे।
हिसार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिस षड्यंत्र के तहत किसानों पर लाठियां बरसवाई हैं और अब सिरसा में किसानों पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में गठबंधन सरकार को यह चेतावनी देना चाहता हूं कि सरकार मुकदमें दर्ज करके किसान आंदोलन को कमजोर नहीं कर सकती और ना ही उन्हें डरा सकती है। किसानों से पहले इनेलो के सभी कार्यकर्ता अपनी गिरफ्तारी देने और ‘जेल भरो आंदोलन’ का आगाज़ करने के लिए एकदम तैयार है।
उन्होंने कहा कि सरकार को अतिशीघ्र सभी मुकदमें वापस लेने होंगे, अन्यथा बड़े जन-आंदोलन के लिए तैयार रहे। सरकार यह बात अच्छी तरह से जान व समझ ले कि किसान पहले छेड़ता नहीं है और बाद में छोड़ता नहीं है। किसान हर कठिन परिस्थितियों से संघर्ष करके लड़ना बखूबी जानता है और तमाम मुश्किलों को सहकर भी आगे बढ़ना उसके जींस में है। इसलिए सरकार किसानों पर अपनी ताकत आजमाना छोड़ दें। मेरी हरियाणा सरकार को यह चेतावनी है कि वह किसानों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमों को जल्द से जल्द वापिस ले। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार से मांग करता हूं कि तीन काले कानूनों को वापस ले और स्वामीनाथन रिपोर्ट की सभी मांगों को पूरा करने के साथ-साथ MSP का लिखित कानून बनाए।