हिसार

जब जिंदगी और मौत में संघर्ष हो तो पता चलता है एक यूनिट रक्त का महत्व

आदमपुर में रंगों के माध्यम से दिया गया जीवन बचाने का संदेश

आदमपुर,
जब मौत और जिंदगी के बीच फासला कम हो तो एक यूनिट रक्त के महत्व का पता चलता है। जब अपना कोई अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करता है तो पता चलता है एक यूनिट रक्त का महत्व—ये संदेश कविता या भाषण से नहीं बल्कि स्वामी सदानंद चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्तदान के महत्व को लेकर करवाई गई आनलाइन ड्राइंग प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने रंगों के माध्यम से दिया।

ट्रस्ट के रक्तदान मुहिम के राष्ट्रीय संयोजक राकेश शर्मा ने बताया कि बच्चों में बचपन से ही रक्तदान के लिए संस्कार डालने के उद्देश्य से आनन्द शर्मा की अगुवाई में आनलाइन ड्राइंग प्रतियोगिता करवाई गई थी। प्रतियोगिता का आयोजन दो वर्ग में किया गया था। पहले वर्ग में 5 साल से लेकर 12 साल के बच्चों को रखा गया तथा दूसरे वर्ग में 13 साल के बच्चों को 21 साल के युवा को रखा गया। प्रतियोगिता में हरियाणा के अलावा एनसीआर, दिल्ली, राजस्थान व यूपी के 248 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि पहले वर्ग में मयंक प्रथम, तक्षम गर्ग द्वितीय तथा परीक्षित शर्मा तृतीय पुरस्कार मिला। श्रयांस व राधिका को उत्कृष्ट प्रयास के लिए सम्मानित किया गया। वहीं दूसरे वर्ग में साक्षी को प्रथम, प्रिया को दूसरा तथा आरजू को तृतीय पुरस्कार मिला। मुस्कान व अंकित को उत्कृष्ट प्रयास के लिए सम्मानित किया गया।

आनन्द शर्मा ने बताया कि 248 ड्राइंग में सबसे विशेष बात यह थी कि प्रत्येक प्रतिभागी ने अलग—अलग संदेश रंगों के माध्यम से दिए। इतनी अधिक इंट्री से प्रथम, द्वितीय व तृतीय निकालना काफी मुश्किल था। निर्णायक मंडल में शामिल संजय बागड़िया ने बताया कि जब पेंटिग संदेश देने लगे तो ये मान लिया जाना चाहिए कि चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन सफल रहा है। स्वामी सदानंद चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रत्येक प्रतिभागी ने रंगों के माध्यम से संदेश और शिक्षा देने का कार्य किया। ऐसे में आयोजकों का यह प्रयास सार्थक रहा है।

आदमपुर रक्तदान महोत्सव के दौरान प्रतिभागियों की उच्च श्रैणी की कृतियों को प्रदर्शित किया गया। इनमें रक्त की बूंद—बूंद का महत्व दर्शाया गया। साथ ही बताया ​गया कि रक्त का कोई विकल्प नहीं—इसलिए रक्तदान के लिए सबको आगे आना चाहिए। मुख्यातिथि समाजसेवी ​हरिनिवास जांदू, घीसाराम जैन, प्रदीप बैनिवाल, मा.वजीर सिंह, सुरेंद्र जाजूदा, संदीप बिल्लेवाल, सतपाल भाम्भू, कांता शर्मा, डा.डीपीसिंह, डा.मनोज सांई, संदीप सिंगला, चंद्रशेखर शर्मा, सूर्यकांत जैन, मा.गुलाब सिंह, राकेश सिहाग व पवन जैन ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया।

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Jeewan Aadhar Editor Desk