नई दिल्ली,
कोरोना की दूसरी लहर से एक बार फिर लोगों की मुश्किल बढ़ा दी हैं। घर के किसी सदस्य को कोरोना होने के बाद सबसे ज्यादा दिक्कत इलाज के खर्चे में आती है। साथ ही घर की अर्थव्यवस्था भी बिगड़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों के लिए एक कोलेट्रल फ्री लोन (Collateral Free Loan) स्कीम की शुरुआत की है। कोविड से पीड़ित लोगों की आर्थिक मदद के लिए शुरू की गई इस सुविधा को एसबीआई ने कवच पर्सनल लोन (Kavach Personal Loan) का नाम दिया है।
क्या है स्कीम?
एसबीआई कवच पर्सनल लोन स्कीम के तहत बैंक कोई भी खाताधारक या उसके परिवार का कोई सदस्य 1 अप्रैल, 2021 या उसके बाद कोरोनो पॉजीटिव पाया जाता है, तो वह इलाज के लिए बैंक की इस स्कीम के तहत लोन पर पैसा ले सकता है। स्कीम के तहत कोरोना के इलाज के लिए पहले भी किए खर्च को कवर किया जाता है। कवच पर्सनल लोन स्कीम के तहत वेतनभागी, गैर वेतनभोगी या गैर पेंशनधारी समेत सभी प्रकार के खाताधारकों को लोन पाने की सुविधा मिल सकती है।
क्या होता है कोलेट्रल फ्री लोन
कवच पर्सनल लोन पूरी तरह कोलेट्रल फ्री है। यानी इस लोन के एवज में बैंक आपको कुछ भी गिरवी रखने को नहीं कहेगा। इस लोन का फायदा केवल कोरोना के मरीज अपने और परिवार के इलाज के लिए उठा सकते हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की कवच पर्सनल लोन स्कीम के तहत कोरोना मरीज 5 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं।
पांच साल के लिए मिलेगा लोन
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कवच पर्सनल लोन लॉन्च करते हुए कहा कि इस योजना में कोविड पेशेंट लोन 25 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं। यह लोन 5 साल तक की अवधि के लिए लिया जा सकता है और इस पर केवल 8.5% सालाना ब्याज लगेगा।
3 महीने का मोराटोरियम भी शामिल
साथ ही इसमें 3 महीने का मोरोटोरियम भी शामिल है। दिनेश खारा ने कहा कि मोरोटोरियम पीरियड के दौरान ईएमआई जमा नहीं करने पर एसबीआई लोन लेने वाले लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि एसबीआई का यह कवच पर्सनल लोन आरबीआई के कोविड रिलीफ मेजर्स के तहत दिया जा रहा है, जिसमें बैंक कोविड लोन बुक क्रिएट कर रहे हैं।
योनो के जरिये भी किया जा सकता है आवेदन
लोन के लिए किसी भी एसबीआई ब्रांच के साथ योनो ऐप पर अप्लाई किया जा सकता है। प्री अप्रूव्ड पर्सनल लोन के लिए योनो ऐप पर अप्लाई किया जा सकता है। बिजनेस विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आप एसबीआई से कोरोना के इलाज के खर्चे के लिए लेते हैं तो इसे जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें। लोन को पूरे पांच साल की अवधि तक न रखें। इससे आप पर ब्याज का बोझ बढ़ता जाएगा।