फतेहाबाद,
फतेहाबाद में प्रोपर्टी आईडी के नाम पर भ्रष्टाचार का नंगा नाच इन दिनों देखने को मिल रहा है। बिना पैसे के कोई काम नहीं बन पता। यदि सेवा—पानी नहीं की जाती तो फाइल को 4 से 6 माह तक लटका दिया जाता है। इतना ही नहीं इस कार्य के लिए बकायदा शहर में दलाल भी पनप गए हैं, जो कमीशन पर काम करवाकर देते हैं। अब लोग खुलकर इस बारे में कैमरे के सामने भी बोलने लगे हैं।
भ्रष्टाचार का यह मामला सोमवार को उस समय उजागर जब नगर परिषद कार्यालय में प्रॉपर्टी आईडी बनाने को लेकर डीलरों व कर्मचारियों में झगड़ा हो गया। नौबत मारपीट तक आ गई। मारपीट के दौरान नप के एमई सुमित चोपड़ा, जेई कौशल, कंप्यूटर ऑपरेटर हिमांशु तथा चुतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अमित को चोट लगी। वहीं इस झगड़े में प्रोपर्टी डीलरों को भी चोट लगी। घटना के बाद नप के अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।
वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को प्रोपर्टी डीलरों को प्रतिनीधि मंडल पुलिस कप्तान व जिला उपायुक्त से मिले। पुलिस कप्तान से मिलकर प्रोपर्टी डीलरों ने कहा कि सोमवार को नगर परिषद् में वे अपनी प्रोपर्टी आईडी के बारे में अधिकारियों से पूछताछ करने गए थे। इस दौरान अधिकारियों ने जानबुझकर बदतमीजी की। समाजसेवी राजेंद्र चौधरी काका ने आरोप लगाया कि एडीसी कम डीएमसी के नाम पर सरेआम पैसा की मांग की जाती है। जब से एडीसी ने यहां का चार्ज सम्भाला है रजिस्ट्री ना के बराबर हो रही है। बिना पैसे दिए फाइल आगे नहीं चलती। उन्होंने कहा वे इस मामले को अब सीएम व गृहमंत्री के दरबार में लेकर जायेंगे और दूध का दूध और पानी का पानी करवाकर ही चैन की सांस लेंगे।
एसपी से मुलाकात के दौरान राजेंद्र चौधरी काका ने बताया कि वे प्रोपर्टी डीलरों के साथ जनता की बात करने सोमवार को नगर परिषद कार्यालय में गए थे। इस दौरान वहां मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों ने बदतमीजी की और उनको पाना मारकर चोट पहुंचाई। हमने इसकी शिकायत पुलिस थाने में दी। लेकिन हमारी शिकायत पर केस दर्ज करने के स्थान पर पुलिस ने हमारे ही खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। उन्होंने कहा कि नप के एक्सईएन के खिलाफ पहले ही विजिलेंस इंक्वायरी चल रही है।
साथ ही उन्होंने बताया कि अधिकारी वर्ग का आरोप है कि हम लोग अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री करवाने गए थे, जबकि हकीकत यह है कि वे 6 महीने से अटकी एक फाइल व प्रोपर्टी आईडी बनवाने में आ रही दिक्कतों के बारे में बातचीत करने गए थे। इस दौरान एसपी ने उनसे कानून के अनुसार उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
वहीं डीसी ने भी प्रोपर्टी डीलरों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायत पर वे मामले की जांच करवायेंगे। यदि फाइल को भ्रष्ट तरीके से रोकने की कोशिश की गई तो वे इस पर कार्रवाई करेंगे।
वहीं दूसरी तरफ नगर परिषद अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो टूक कहा कि जब तक कल की मारपीट के नामजद लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती, उनकी हड़ताल जारी रहेगी। कुल मिलाकर इस विवाद से एक बात तो साफ है कि फतेहाबाद नगर परिषद में सब कुछ ठीक—ठाक नहीं चल रहा है। यहां की कार्यप्रणाली व रिकॉर्ड की विजिलेंस जांच करना जरूरी है ताकि सच के सामने उजागर हो सके।