देश सिरसा

केंद्र में भाजपा पार्टी के स्थान पर कम्पनियों का राज—राकेश टिकैत

राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन कम्पनियों की सरकार का पोल खोलेंगे चुनावों में

सिरसा,
केंद्र की सरकार को भाजपा पार्टी नहीं कम्पनियां चला रही है। कोई पार्टी सरकार चलाती तो किसानों की आवाज सुनी जाती। आंदोलन की जरुरत ही नहीं पड़ती। किसानों के विरोध के साथ ही सरकार कानूनों को रद्द कर देती। यह बात सिरसा पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बात करते हुए कही।

उन्होंने कहा कम्पनियां अपने लाभ का काम करती है। किसानों की मांग इसी लिए सुनी जा रही। यदि किसानों का बात सुनी गई तो ​कम्पनियों का लाभ कम हो जायेगा और कम्पनियां केवल अपना लाभ देखती है। आज भारत में कम्पनियों का शासन चल रहा है। इसलिए किसान घर छोड़कर सड़क पर बैठे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा सरकार पूरे आंदोलन को हरियाणा—पंजाब बार्डर पर शिफ्ट करने का प्रयास कर रही है लेकिन किसान किसी भी हालत में दिल्ली को नहीं छोड़ेंगे।

वहीं किसान नेताओं के राजनीति में आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे राजनीति में आ गए तो आंदोलन कौन करेगा। किसान नेता राजनीति में नहीं आयेंगे लेकिन पंजाब—यूपी और अन्य चुनावों में जनता के बीच अवश्य जायेंगे। वे किसी भी पार्टी के लिए वोट अपील नहीं करेंगे। लेकिन कम्पनियों के जरिए शासन करने वाली पार्टी की पोल अवश्य खोलेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा हरियाणा सरकार बार—बार किसानों को तंग कर रही है। कभी हिसार, कभी फतेहाबाद तो कभी सिरसा में किसानों पर जानबूझकर गलत तरीके से केस दर्ज करके परेशान किया जा रहा है। हरियाणा सरकार को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा।

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